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लघु समाचार पत्रों को मिलेगा हर दो माह में विज्ञापन

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पत्रकार समाज और सरकार के मध्य सेतु की भूमिका निभाते हैं। पत्रकार समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की आवाज होते हैं। पत्रकारिता एक धर्म है, जिसके निर्वहन के लिए पत्रकार युद्ध, बाढ़, भूकम्प जैसी विपरीत स्थितियों में भी जीवन दांव पर लगाकर कार्य करते हैं। जब विपत्तियों में लोग सुरक्षित स्थान खोजते हैं, तब पत्रकार समाधान खोजते हैं। स्टेट मीडिया सेंटर भविष्य के ऐसे वृट वृक्ष के बीज रोपे जा रहे हैं, जिनसे अनुभवों की शाखाओं पर अनंत आशाएं साकार होंगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मालवीय नगर भोपाल में स्टेट मीडिया सेंटर के लिए भूमि पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जनसंपर्क मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला, आयुक्त जनसंपर्क श्री मनीष सिंह उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लघु समाचार पत्रों को एक माह के अंतराल से विज्ञापन जारी करने और 70 वर्ष से अधिक आयु के पत्रकारों को स्थायी अधिमान्यता कार्ड प्रदान करने की घोषणा की। हर साल पांच महिला पत्रकारों को महिला विकास कार्यों पर अध्ययन के लिए फैलोशिप प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पत्रकार समाज को प्राप्त वो आश्वासन है, जिनके होने से सुनवाई सुनिश्चित है। राष्ट्र निर्माण में पत्रकारों के स्याही का अमूल्य योगदान है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पत्रकार और पत्रकारिता लोकतंत्र के प्राण हैं। मध्यप्रदेश की भूमि से पंडित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता के पुरोधा बने। इसी धरती पर श्री हरिशंकर परसाई जैसे व्यंग्यकार हुए जिन्होंने समाज को आईना दिखाने का कार्य किया। स्व. श्री वेदप्रताप वैदिक ने हिंदी की प्रतिष्ठा के लिए कार्य किया। स्व. श्री प्रभाष जोशी ने नई भाषा दी। एक दौर था जब स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारों ने भागीदारी की और परतंत्रता की बेड़ियां तोड़ने का कार्य किया। आपातकाल के खिलाफ भी पत्रकार लड़े। कोविड के कठिन दौर में पत्रकारों ने अपना दायित्व निभाया। पत्रकार समाजसेवी भी होते हैं, उनका सरोकारों से ऐसा रिश्ता होता है, जैसे शरीर और आत्मा का रिश्ता।

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