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शैक्षणिक वातावरण युक्त नवाचार का केंद्र बनेगा प्रदेश : राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) परमार

भोपाल।  स्वाभाविक रूप से बच्चों के मन में कई तरह के नवाचार समावेशी प्रश्न और उनके समाधान उठते हैं। बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए नवाचार को समझने की आवश्यकता है। बच्चों की रचनात्मकता, समाधानखोजी दृष्टिकोण, वैज्ञानिक सोच और कल्पना शक्ति को व्यवहारिक रूप देने की अवधारणा से मुख्यमंत्री नवाचार पुरुस्कार योजना का सृजन हुआ है। बच्चों को नवाचार के लिए अवसर और मंच प्रदान करने के लिए यह योजना बनाई गई है। इससे प्रदेश शैक्षणिक वातावरण युक्त नवाचार का केंद्र बनेगा। यह बात स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने आज महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल स्थित संस्कृत भवनम में मुख्यमंत्री नवाचार पुरुस्कार-2023 वितरण समारोह में कही। श्री परमार ने कहा कि स्वत्त्व के भाव को जागृत कर परम्परागत हुनर को विज्ञान एवं तकनीक से जोड़कर रोजगारोन्मुखी नवाचार किया जा सकता है लेकिन शिक्षा का सर्वोपरि उद्देश्य श्रेष्ठ नागरिक निर्माण हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बच्चों में व्यवहारिक रूप से प्रकृति और संस्कृति के माध्यम से सीखने की प्रवृत्ति विकसित की जायेगी। श्री परमार ने कहा कि नवाचारों के विचारों के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सभी 53 ईएफए (सबको शिक्षा) स्कूलों में इनक्यूबेशन सेंटर बनाया जायेगा।

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