छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर 2011 में किया था विस घेराव
भोपाल। 12 साल पहले 2011 में छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर एनएसयूआई द्वारा विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस वाहनों और बैरिकेड में तोडफोड़ करने, बलवा और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में आगर मालवा से कांग्रेस विधायक और एनएसयूआई के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े, विवेक डेहरिया विकास नंदवाना, गौरव उइके, महक नागर और संजय वर्मा को सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश जयंत शर्मा ने दोषी ठहराते हुए एक-एक साल के सश्रम कारावास और दो-दो हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने 66 सहआरोपियों को फरार घोषित कर दिया है।
अभियोजन के मुताबिक एनएसयूआई के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े के नेतृत्व में छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर कार्यकर्ताओं ने 31 मार्च 2011 को मध्यप्रदेश विधानसभा का घेराव करके प्रदर्शन किया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नीलम पार्क के पास बैरिकेड लगाकर रोकने की कोशिश की तो पुलिस से झड़प हो गई थी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर बरसाए थे, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहनों और बैरिकेड में तोडफोड़ कर दी थी। घायल पुलिस कर्मी राजेश सिंह चंदेल और कुलदीप खत्री की शिकायत पर जहांगीराबाद पुलिस ने एनएसयूआई के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े सहित 72 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।