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श्रीमद्भागवत कथा में हुआ श्रीकृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव का वर्णन

बेगमगंज। नगर से सात किलोमीटर दूर स्थित सागौनी उमरिया की पहाड़ी पर मां शारदा भवानी विराजमान है, जहां नवरात्रि, नव वर्ष सहित सभी ऋतुओं में भगतों  का तांता लगा रहता है। 

श्रीमद् भागवत कथा

नव वर्ष में कोई माता को हजारों फीट की चुनरी अर्पित करता है तो पूरी श्रद्धा सुमन से मां की उपासना करता है। इसी उपलक्ष्य में मां शारदा भवानी के प्रांगण में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, जिसके आयोजक श्री हनुमान जी महाराज एवं संयोजक समस्त क्षेत्रवासी है।

श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान उत्सव में वृंदावन धाम से पधारी कथा वाचिका राष्ट्रीय प्रवक्ता सुश्री रिचा शास्त्री  द्वारा श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि कंस की कारागार में वासुदेव- देवकी के भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में हुआ था। इसलिए नंदगांव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध करके पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया और अपने माता-पिता को कारागार से छुड़वाया। कृष्ण जन्म की खुशी में  कथा स्थल को विशेष रूप से सजाकर माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया तथा भक्तों ने नाच गाकर नंदोत्सव मनाया। कथा के समय सैकड़ो श्रोता एवं श्रद्धालु उपस्थित थे।


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