भोपाल। डेंगू रोग के बचाव और रोकथाम के लिये मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में मंत्रालय में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें डेंगू रोग पर नियंत्रण और रोकथाम के लिये संचालित गतिविधियों की समीक्षा की गई। अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त-सह-सचिव स्वास्थ्य डॉ. सुदाम खाड़े, मिशन संचालक एन.एच.एम. श्रीमती प्रियंका दास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्य सचिव द्वारा डेंगू बीमारी के नियंत्रण एवं जनसमुदाय की सहभागिता तथा जागरूकता के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये गए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में डेंगू की पर्याप्त जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि डेंगू के लक्षण आने पर जन-समुदाय को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर की सलाह अनुसार जांच एवं उपचार के लिये समझाइश दिया जाना आवश्यक है।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में अभी तक वर्ष 2023 में 46 हजार से अधिक संभावित रोगियों की जांच में 3 हजार 21 डेंगू प्रकरण पाये गये हैं जिन्हें आवश्यकतानुसार उपचार प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। डेंगू बीमारी डेन वायरस के कारण से होती है। संक्रमित मादा एडीज मच्छर द्वारा मनुष्यों को काटने से फैलता है। डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छर के काटने से अपना बचाव करें।
जन-समुदाय के लिये सुझाव है कि बुखार एवं डेंगू के लक्षण आने पर स्वयं उपचार न करें, डॉक्टर की सलाह अनुसार ही उपचार लें और पर्याप्त मात्रा में आराम एवं तरल पदार्थ का सेवन करें। घरों के आसपास जल का जमाव नहीं होने दें। मच्छर (एडीज मच्छर) के प्रजनन को नियंत्रित रखें, सप्ताह में एक बार अनिवार्यतः समस्त जल के पात्र/कंटेनर इत्यादि की जांच कर उनकी साफ-सफाई रखना आवश्यक है, जिससे मच्छरजन्य परिस्थिति को समाप्त किया जा सके। सावधानी रखें सुरक्षित रहें।