छिंदवाड़ा। पिछले कई समय से लगातार यह बात की चर्चा में है कि पुलिस विभाग में हो रहे तबादले चुनाव आयोग के विरुद्ध एवं पुलिस कार्यालय के तबादला बाबू के द्वारा अपने क्षेत्र विशेष, जाति विशेष एवं शहर में पदस्थापना के लिए अलग एवं आसपास में पदस्थापना के लिए अलग सेवा शुल्क की फरमाइश की जा रही है। पीड़ित आरक्षक के आवेदन के अनुसार भले ही तबादला चाहने वाले अधिकारी कर्मचारी की छवि खराब हो, विभाग की कोई जांच चल रही हो या अपराध ही कायम क्यों न हो। इस बात की पुष्टि विभाग के ही प्रताड़ित आरक्षक ओम नरेश बघेल के द्वारा अपनी प्रताड़ना का लिखित उल्लेख करते हुए प्रताड़ित करने वाले बाबू का नाम उल्लेखित करते हुए पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा को दिए गए आवेदन से होती है।
इसमें दिलचस्प बात एवं जांच का विषय यह है कि इस आवेदन में पीड़ित आरक्षक द्वारा जो उल्लेख किया गया है कि ऐसे कौन से अधिकारी कर्मचारी है जिन पर मामला बना एवं उनमें से कुछ जेल गए बावजूद इसके वह थानों में पदस्थ है। पीड़ित द्वारा बात करने पर यह भी बताया गया की कुछ ऐसे अधिकारी कर्मचारी भी है जिन पर मामले दर्ज है उन्हे नया जिला पांढुरना में भी पदस्थ किया गया है। पीड़ित आरक्षक द्वारा एक संगीन आरोप यह भी लगाया गया है को छिंदवाड़ा पुलिस कार्यालय से आचार संहिता लागू होने के बाद से ही लगातार स्थानांतरण मौखिक किए जा रहे है जो कि आचार संहिता का उल्लंघन है। ऐसी स्थिति में अपनी बेदाग एवं बेबाक छवि के धनी पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा की कार्यप्रणाली पर भी कही न कही सवालिया निशान खड़े हो रहे है। अब देखना यह है की पुलिस अधीक्षक महोदय इस प्रताड़ित आरक्षक के आवेदन को कितनी गंभीरता से लेते है।
खबर लिखे जाने तक सूत्रों द्वारा जानकारी प्राप्त हुई की पीड़ित आरक्षक के परिवार के द्वारा उसे समझा बुझा कर मनाया गया।
इसका कहना है
विनायक वर्मा, पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा