जायस/ अमेठी। जायस कस्बे में वर्ष 1987 में राजकीय महिला चिकित्सालय का उद्घांटन हुआ था जिससे लगभग चालीस किलोमीटर दूर से मरीज अस्पताल में अपना इलाज कराने आते थे लेकिन पिछले छः महीने से महिला अस्पताल में ताला लटक रहा है तथा कस्बा व ग्रामीण अंचलो की लगभग डेढ़ लाख आबादी प्राइवेट अस्पताल में जाने को विवश है । स्थानीय लोगो ने बताया की सरकारी महिला अस्पताल बंद हो जाने से गर्भवती महिलाओ को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है कस्बे में एएनएम सेंटर तो है लेकिन वहाँ किसी प्रकार की जाँच सुविधा मौजूद नही है तथा न ही कस्बे में ही किसी निजी हॉस्पिटल में महिला डाक्टर मौजूद है ऐसी स्थित में तीस किलोमीटर दूर रायबरेली इलाज कराने जाना पड़ता है महिला अस्पताल के समीप स्थित मेडिकल स्टोर संचालक मो जमाल ने बताया की गर्भवती महिलाओ को अस्पताल बंद हो जाने से टीके लगवाने की समस्या ज्यादा उत्पन्न हो रही है तथा प्रसव पीड़ा के दौरान या तो झोलाछाप डॉक्टर या फिर अन्यत्र भटकने के लिए विवश होना पड़ता है बताया की इतनी बड़ी आबादी में मात्र एक पीएचसी केंद्र है वह भी दो बजे बंद हो जाता है ।
वहीं सीएमओ डा0 अंशुमान सिंह ने बताया की राजकीय महिला चिकत्सालय का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है तथा प्राथमिक स्वास्थ केंद्र जायस को ही सामुदायिक स्वास्थ केंद्र बनवा कर विस्तार किया जाएगा ।