जेल में अन्य महिला बंदियों के साथ रखा गया
भोपाल। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने जेल पहुंचते ही भूख हड़ताल के बजाय खाना खाया और महिला कैदियों के साथ सामान्य सेल में रहीं। इसके पूर्व सोमवार शाम को जेल दाखिल होते समय जल प्रशासन ने उनसे स्पष्ट पूछा था कि, क्या वह भूख हड़ताल करेंगी। अगर ऐसा है तो उनको लिखित में देना होगा। इस पर निशा बांगरे ने भूख हड़ताल करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद मंगलवार को जमानत मिलने के बाद देर शाम जेल से रिहा कर दिया गया।
गौरतलब है कि इस्तीफा देने के बाद भी मंजूर नहीं होने के विरोध में बैतूल से भोपाल तक मार्च करने के बाद भोपाल पहुंची डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की पुलिस से झड़प हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने उनको गिरफ्तार करके कोर्ट के आदेश से जेल भेज दिया था। जहां जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने उनसे भूख हड़ताल पर होने के बारे में स्पष्टीकरण मांगा, तब उनके भूख हड़ताल से मना करने पर खाना दिया गया और महिला कैदियों के साथ रखा गया। निशा की जमानत मंगलवार को मंजूर होने के बाद देर शाम को रिहा कर दिया गया।
भूख हड़ताल नहीं करने पर खाना दिया गया
जेल दाखिल होते समय ही निशा बांगरे से पूछा गया था कि क्या वह भूख हड़ताल करेंगी, क्योंकि भूख हड़ताल पर होने पर उनको लिखित में जेल प्रशासन को देना होगा। इस पर उनका जवाब था कि वह दिनभर से भूखी हैं और खाना खाएंगी। इसके बाद उनको खाना दिया गया और महिला कैदियों के साथ जनरल सेल में रखा गया। मंगलवार शाम को कोर्ट के आदेश से उनको रिहा कर दिया गया।
राकेश कुमार भांगरे, जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल भोपाल