भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि महापुरूषों के स्मरणीय प्रसंग उनके उच्चादर्शों को अपने जीवन में उतारने के संकल्प का आयोजन हैं सर्वधर्म प्रार्थना सभा। महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जीवन आदर्शों से प्रेरणा लेकर 365 दिन, उनका पालन करना ही उनके प्रति सच्ची और सार्थक श्रद्धांजलि है।
राज्यपाल श्री पटेल आज गांधी भवन में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा के बाद जन सभा को संबोधित कर रहे थे। सभा का आयोजन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्म जयंती के अवसर पर गांधी भवन न्यास द्वारा किया गया था।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम, उनके जीवन के नैतिक मूल्यों और आदर्शों को समझने, उन्हें अपने जीवन में उतारने का अवसर है। यह एक दिन की औपचारिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि गांधी जी का प्रिय "भजन वैण्णव जन तो तेने कहिए जो पीड़ पराई जाने रे" में एक सच्चा, अच्छा मनुष्य कैसा होना चाहिए बताता है।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि भजन की हर पंक्ति में उन गुणों की बात कही गई है जो मानवता का आधार है। भजन को गाने के साथ ही उसके भावों को जीवन में उतारने के लिए संकल्पित होना ही गांधी जी को श्रद्धांजलि देना है। उन्होंने कहा कि गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन मूल्यों को जीवन में उतार कर बच्चों और भावी पीढ़ी को प्रेरित करना हम सब का दायित्व है। बच्चों को संस्कारित करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी माता-पिता की है। बच्चे उनके कार्य और व्यवहार को देख कर सीखते हैं।