बेगमगंज। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस पर भगवान की अनंत लीलाओं में छिपे गूढ़ आध्यात्मिक रहस्यों को कथा प्रसंगों के माध्यम से उजागर करते हुए जय सांवरे सरकार श्री मद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ पितृ पक्ष के पावन पर्व पर दिग्विजय कॉलोनी स्टेट बैंक कॉलोनी मे चल रही भागवत कथा मे कथा व्यास सांवरे सरकार गौ पीठाधीश्वर मंहत विपिन बिहारी दास ने परीक्षित श्राप और पांडवों व विदुर जी के जीवन में होने वाली श्री कृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया।पारिक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह सुखदेव जी के पास जाते हैं। परीक्षित जी के मन में आज अनेकों ही प्रश्न है जितने प्रश्न उनके मन में हैं। उतने ही नारद जी के मन में भी थे। नारद जी को समाधान मिला ब्रह्मा जी से और परीक्षित की जिज्ञासा सुखदेव जी से शांत हुई। इसी तथ्य का विस्तार उन्होंने सती के पुनर्जन्म यानि माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के मध्य चली। दिव्य वार्ता गुरु गीता के माध्यम से किया भगवान शिव कहते हैं कि चाहे शिव जी की पूजा में रत हो या भगवान विष्णु की पूजा में रत हो परंतु यदि गुरु तत्व के ज्ञान से रहित हो तो वह सब व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि अगर आप भी उस परमात्मा को जानने की जिज्ञासा रखते हैं तो आपको भी ऐसे ही मार्गदर्शक गुरु चाहिए। यह तो सर्वविदित है कि सूर्य प्रकाशमय तत्व है और चंद्रमा भी प्रकाशमय है किंतु चंद्रमा का अपना कोई प्रकाश नहीं है जब सूर्य प्रकाशित होता है, तब उसी के प्रकाश से चंद्रमा तपता रहता है और वही ताप शीतल होकर हम सब को शीतलता प्रदान करता है। ऐसे ही गुरु भी सुर्य के समान है तथा चंद्रमा एक शिष्य के समान। गुरु रूपी सूर्य के प्रकाश में तपकर ही शिष्य दुनिया को शीतलता प्रदान करने वाला ज्ञान आगे फैलाता है।द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्य देव की उपासना कर अक्षय पात्र की प्राप्ति की। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया।
कथा के बीच में संगीत में भजनों की प्रस्तुति से श्रोता झूम उठे अंत में मुख्य यजमान शिव नारायण नीखरा, अभिषेक नीखरा द्वारा सभी के साथ सामूहिक आरती उपरांत प्रसादी का वितरण किया गया।
कथा श्रवण करते लोग