मस्जिद में उपस्थित लोग |
बेगमगंज। एक जमाना था जब लोग ब्याज खोरो से इस तरह बचते थे कि यदि उसके चूने की डब्बी घर में छूट भी जाती थी तो उसका इस्तेमाल नहीं करते थे। उसे जमाने में लोगों को मालूम होता था कि फलां शख्स ब्याज खोर है लोग उसके मकान की छानी के नीचे बैठकर पानी भी नहीं पीते थे। लेकिन आज हमें यह देखना पड़ रहा है की कौन ब्याज नहीं लेता। आज गुनाह इतना आम हो गया है। आज इस गुनाह से बचने की बेहद जरूरत है।
उक्त बात मरकज मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले तबलीगी जमात के प्रमुख डॉक्टर इकबाल खान ने उपस्थित लोगों को दीन की दावत देते हुए कही। उन्होंने कहा कि ऊपर वाला रहम को पसंद करता है तुम जमीन वालों पर रहम करो आसमान वाला तुम पर रहम करेगा। उन्होंने बताया कि एक शख्स पैदल सफर पर जा रहा था जंगल में चलते-चलते अचानक वह शेर के सामने पहुंच गया स्थिति ऐसी थी कि वह पीछे भी नहीं हट सकता था लेकिन अचानक शेर ने अपना पंजा आगे कर दिया उस व्यक्ति ने देखा कि उसके पंजे में कांटा चुभा हुआ है। तब उस व्यक्ति ने हिम्मत करके शेर के पंजे से वह कांटा निकाल दिया तो शेर उसे कोई नुकसान पहुंचाए बिना जंगल में अंदर की ओर चला गया और उस व्यक्ति ने अपना सफर पूरा कर लिया। कुछ साल के बाद उस व्यक्ति से कोई गलती हो गई जिस पर बादशाह ने उसे शेर के आगे डालने की सजा सुना दी। जब उसे शेर के सामने डाला गया तो शेर उसे पहचान गया कि उसने मेरे पांव का कांटा निकाला था तो शेर ने उस व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और उसके पास जाकर बैठ गया यह देखकर वह व्यक्ती और बादशाह भी हैरतजदा हो गए। बादशाह समझा कि वह कोई महान व्यक्ति है उसने उसकी सजा माफ करके छोड़ दिया। कहने का मतलब यह है कि एक जानवर पर जब रहम किया तो उसने भी नुकसान नहीं पहुंचाया। इसलिए हमें अपना मिजाज लोगों पर रहम करने वाला बनाना चाहिए। उन्होंने आने वाले भोपाल इज्तिमा के लिए भी लोगों से तैयारियां करने का आवाहन किया।