बेगमगंज। क्षेत्र में खरीफ की फसलों की कटाई होने के साथ ही किसान अब रबी की बुवाई में जुट गए हैं। सोयाबीन की कटाई होने के बाद किसान ग सरसों, चना,मसूर, अलसी, लहसुन आदि की बुवाई के साथ ही गेहूं की बुवाई के लिए खेतों में पलेवा करने में जुट गए हैं। खेतों की हकाई जुताई कर सुव्यवस्थित करने के साथ ही कुछ जगहों पर अभी किसानों ने महंगे भाव में लहसुन लाकर बुवाई के लिए तैयार कर किसानों ने लहसुन की बुवाई कार्य शुरू भी कर दिया है।
गेंहू की बोवनी करते हुए |
इस बार बारिश के विदाई के समय अच्छी बारिश होने से क्षेत्र में सर्वाधिक रकबा गेहूं, रहेगा। साथ ही क्षेत्र में किसान लहसुन की बुवाई भी अधिक कर रहे हैं। किसान सुरेन्द्र कुशवाहा, मुकेश पटेल ने बताया कि लहसुन का बीज महंगा मिल रहा है। अभी 13 से 14 हजार क्विंटल के महंगे भाव का लहसुन है। इसलिए किसान जिनके पास घर का बीज बोवनी के लिए लहसुन बीज रखा था। वे किसानों ने लहसुन को मशीन व हाथ से लहसुन की बुवाई के लिए कलियां निकालकर कलियों को बुवाई के लिए तैयार कर लिया है। किसानों ने लहसुन की बुवाई कार्य शुरू कर दिया है। वहीं बीज महंगा मिलने से किसान गेहूं की भी बुवाई अधिक करने की जुगत में लगा हुआ है। क्षेत्र में इस बार अच्छी बारिश होने से रबी सीजन में बड़ी संख्या में गेहूं, चना, लहसुन व मटर, प्याज की बुवाई अधिक होगी। खरीफ में प्राकृतिक प्रकोप की मार झेल चुके किसानों को अब रबी सीजन से अच्छे उत्पादन की उम्मीद है।
किसान लहसुन की बुवाई के लिए मजदूरों से घरों पर बीज तैयार करवा रहे हैं। कुछ दिन बाद किसान गेहूं के लिए पलेवा शुरू करेंगे। वहीं कई क्षेत्रों में किसानों ने रबी की फसल की बुवाई की तैयारियां जोरों से शुरु कर दी हैं। जिन किसानों के पास खेती करने के संसाधन नहीं हैं, उन्होंने नदी तालाबों में डीजल पंप रखकर खेतों में पलेवा शुरू कर दिया है। इन दिनों खेतों में खरपतवार, कचरे की साफ-सफाई की जा रही है। जिससे खेत खलिहानों में रौनक देखने को मिल रही है। अतिवृष्टि के कारण प्रत्येक वर्ष गर्मी की अवधि तो बढ़ रही है, लेकिन सर्दी की अवधि कम हो रही है।
किसान जावेद मंसूरी ने बताया कि गेहूं की फसल को तेज सर्दी की जरूरत होती है, जबकि चना व गेहूं कम सर्दी में अंकुरित हो जाता है। फिर चने के भाव भी किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। इसलिए चने की बोवनी भी अधिक की जाएगी।