बेगमगंज। लूटपाट कर प्राण घातक हमले के मामले में अपर सत्र न्यायालय सुनवाई करते हुए न्यायाधीश राजकुमार वर्मा द्वारा विभिन्न धाराओं में आरोपी गण वह दोष सिद्ध पाते हुए आरोपीगण संजय बहरोलिया, प्रकाश शिकारी, हीरालाल गोड को धारा 307 भादवि में 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक एक हजार रुपए का अर्थदण्ड, धारा 193 में तीन तीन वर्ष का कारावास एंव एक एक हजार रुपए का अर्थदण्ड एव आयुध अधिनियम की धारा 25(1बी) (ए) में दोषी पाते हुये तीन तीन वर्ष का सश्रम कारावास एंव एक एक हजार रुपए का अर्थदण्ड आयुध अधिनियम की धारा 27 में तीन तीन वर्ष का सश्रम कारावास एंव एक एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवीकर्ता शासकीय अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह गौर ने बताया कि 19 फरवरी 2021 के रात्रि करीब आठ बजे फरियादिया अपने पति के साथ मोटरसाईकिल से बेगमगंज वापस आ रही थी। एक जगह जब उसका पति पेशाब करने रूका, तभी एक मोटरसाईकिल से अज्ञात तीन लोग आए और उसके साथ झूमा झटकी करने लगे और उसी दौरान फरियादिया से अज्ञात व्यक्तियों ने उसका सोने का मंगलसूत्र व सोने के कान के टॉप्स छीन लिए जब उसका पति उसको बचाने आया तो उन व्यक्तियों ने उसकी जेब से भी 700 रूपए छीन लिए तथा फरियादिया की पर्स में रखे 800 रूपये भी छीन लिए इसी दौरान घटना का विरोध करने पर अज्ञात व्यक्तियों ने घटना की फरियादी महिला को देशी कट्टे से फायर किया जिसमें गोली फरियादी महिला की कमर में लगी और वे लोग घटना कर फरार हो गए। भागते समय महिला द्वारा अज्ञात व्यक्तियों की मोटरसाईकिल का नंबर एम पी 15 एम एच 4934 देख लिया गया । बाद में महिला फरियादी को पति बेगमगंज इलाज के लिये लाया तथा उक्त घटना की रिपोर्ट थाना बेगमगंज में करते हुए प्रकरण पंजीबद्ध कराया। पुलिस ने मामला विवेचना में लिया गया घटना की एफ आई आर में फरियादी महिला द्वारा पुलिस को बताया गया कि तीनों संदेही आरोपी आपस में गुलठे, अनुरूद्ध और हुकुम का नाम लेकर बात कर रहे थे।
अनुसंधान दौरान संदेही व्यक्तियों गुलठे अनुरूद्ध और हुकुम से पूछताछ कर कथन लेख किए गए जिन्होने बताया कि उनकी पूर्व से रंजिश गांव के ही संजय बहरोलिया से चल रही है। घटना की फरियादिया व उसके पति द्वारा संदेही व्यक्तियों को केवल झूठा फंसाने के उद्देश्य से उक्त घटनाक्रम कारित की गई।
बाद विवेचना अनुसंधान उपरांत आरोपीगण संजय कुमार, प्रकाश शिकारी , हीरालाल गौड़ बेनीबाई के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण में एकमात्र महिला आरोपी बेनीबाई प्रकरण के संचालन के दौरान जेल में निरूद्ध रही जहां उक्त आरोपी महिला द्वारा फॉसी लगाकर आत्महत्या की जा चुकी है तथा शेष आरोपीगण के विरूद्ध प्रथम अपर सत्र न्यायालय राजकुमार वर्मा द्वारा सभी अभियोजन साक्षियों की साक्ष्यों व प्रकरण में आई साक्ष्य का मूल्यांकन करने के पश्चात उक्त दण्डादेश पारित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी शासकीय अधिवक्ता अपर लोक अभियोजक धीरेंद्र सिंह गौर ने की।