भोपाल। उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा है कि लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ के रूप में मीडिया का कार्य शासन के सभी अंगों को सचेत करना, सच्चाई, सटीकता एवं निष्पक्षता के साथ जनमानस तक जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र प्रेस लोकतांत्रिक राष्ट्र की रीढ़ है। प्रेस की स्वतंत्रता के साथ प्रेस का ज़िम्मेदार होना भी महत्वपूर्ण है। सकारात्मक समाचार को तरजीह देना आवश्यक है। इससे समाज में हो रहे सकारात्मक बदलाव को गति प्राप्त होती है।
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ आज यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। वे विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष भी है। उन्होने विश्वविद्यालय के भोपाल के बिशनखेड़ी में स्थित नवीन परिसर का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में जनसम्पर्क एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव विशेष रूप से उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी एवं विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान पत्रकारिता जगत में अपना उत्कृष्ट योगदान निरंतर जारी रखेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारिता व्यवसाय नहीं समाजसेवा है। पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं। व्यावसायिक लाभ व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर सेवा-भाव से काम करें।
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने उपाधि प्राप्तकर्ता समस्त विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि प्राप्त ज्ञान का उपयोग सभी विद्यार्थी लोक कल्याण के लिए करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि राष्ट्रकवि, लेखक एवं पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की सोच अनुरूप देशहित को सर्वोपरि रखकर राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ भारत की विकास यात्रा में अपना सशक्त योगदान दें।