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भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पर पहले बरसाए फूल, फिर मारे पत्थर

चीता प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीणों से नेताओं ने नहीं किया संवाद तो बढ़ा विवाद

मनासा विधायक कैलाश विजयवर्गीय की जन आशीर्वाद यात्रा में हुई पत्थरबाजी

पत्थरबाजी शुरू हुई तो जान बचाने भागते फिरे भाजपा के कई नेता

नीमच /रामपुरा। भारतीय जनता पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा मंगलवार की शाम को गांधी सागर से लगे क्षेत्र रावली कुड़ी की ओर पहुंची। जहां ग्रामीणों ने यात्रा का स्वागत किया। इसके बाद केंद्र सरकार के चीता प्रोजेक्ट से आने वाली परेशानियों को लेकर चर्चा करना चाही। जब यात्रा में शामिल नेताओं ने ग्रामीणों से संवाद नहीं किया तो आक्रोशित ग्रामीणों ने जन आशीर्वाद यात्रा के वाहनों पर पत्थर बरसाए। इस घटना में कई लोगों को चोटें आई एवं वाहनों के कांच फूट गए।

मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की शाम का समय था। सूर्यास्त के बाद अंधेरा होने लगा था। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में मनासा विधानसभा क्षेत्र के अंतिम छोर पर गांव रावली कुडी पहुंची। यात्रा में िवत्त मंत्री जगदीश देवड़ा, सांसद सुधीर गुप्ता, जिला भाजपा अध्यक्ष पवन पाटीदार, िवधायक माधव मारू और अन्य नेतागण शामिल थे। जब यात्रा गांव में पहुंची तो ग्रामीणों ने नेताओं पर फूल बरसाए, माला पहनाई और जोरदार स्वागत किया। इसके बाद ग्रामीणों ने नेताओं को चीता प्रोजेक्ट से पालतू पशुओं, एवं रहवासी लोगों को खतरा होने की समस्या बताई और संवाद करना चाहा। जिस पर नेताओं ने ग्रामीणों से कोई संवाद नहीं किया और यात्रा को आगे बढ़ा दिया! इस कारण ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ी। लोगों ने इसका विरोध किया। उसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

पुलिस ने खदेड़ा तो बरसाए पत्थर

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नेताओं द्वारा समस्या को अनसुना कर दिए जाने से रावली कुडी क्षेत्र के लोग नाराज हो गए। उन्होने रथ यात्रा को रोकने का प्रयास किया। ग्रामीण रथ यात्रा मार्ग में सो गए, बात यहीं नहीं रुकी। नेताओं के इशारे पर पुलिस ने रथ यात्रा मार्ग को रोकने के लिए मार्ग में लेट जाने वाले लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। िफर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने नेताओं काफिले पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिए।

वाहनों के फूट कांच, भागते फिरे नेता

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पत्थरबाजी को रोकने का प्रयास पुलिस ने किया, लेकिन ग्रामीणों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वहां पर्याप्त बल मौजूद नहीं था। नेताओं को ग्रामीणों के विरोध की पहले भनक भी नहीं लग पाई। माना जा रहा है कि विधायक मारु के अक्खड़ स्वभाव के कारण ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और हालात बेकाबू हो गए। ग्रामीणों ने पत्थर बरसाए तो विधायक मारु, जिला भाजपा अध्यक्ष पवन पाटीदार सहित अन्य नेताओं के वाहनों के कांच फूट गए। कई नेता ग्रामीणों द्वारा  बरसाए जा रहे पत्थरों से जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए।


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