उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन में नाबालिग बच्ची के साथ हुई दरिंदगी की घटना से पूरा देश आहत है। इस बीच उज्जैन पुलिस का एक ऐसा चेहरा सामने आया है जो इंसानियत की मिसाल बन रहा है।अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुई इस बच्ची को दो पुलिसकर्मियों ने ब्लड डोनेट किया था।
इस मामले को सुलझाने वाले इंस्पेक्टर अजय वर्मा ने इंसानियत की नई मिसाल पेश की है। इंस्पेक्टर अजय वर्मा ने बताया है कि वो पीड़ित बच्ची को गोद लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बच्ची का जब इलाज चल रहा था तब उन्होंने उसकी चीखें सुनी थी। बच्चों की ऐसी अवस्था को देखकर उनकी आंखें भर आई थी।
इंस्पेक्टर अजय वर्मा जल्द ही रिटायर होने वाले हैं उनकी सर्विस को पौने चार साल शेष है। करियर के अंतिम पड़ाव में पहुंचकर वह बच्ची को गोद लेकर उसकी जिम्मेदारी उठाना चाहते हैं। इंस्पेक्टर वर्मा का कहना है कि इस घटना से उन्हें समाज की क्रूर चेहरे का पता चला। उन्होंने कहा कि वह बच्ची को कानूनी पेंचिदगियों में पड़े बिना ही गोद लेंगे। यानी वह बच्चे की आर्थिक जरूरत, उसकी पढ़ाई-लिखाई और उसकी सेहत पर ध्यान देने के लिए सभी जिम्मेदारियां निभाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर बच्ची के परिवार वाले मान जाएंगे तो वह उसे अपने साथ रखने के लिए भी तैयार है। इंस्पेक्टर अजय वर्मा ने बताया कि उनकी अपनी खुद की कोई बेटी नहीं है। मगर जब बच्ची का इलाज चल रहा था तो उसकी चीख सुनकर उनकी आंखें नम हो गई थी। उन्होंने भगवान से सवाल किया कि इतनी तकलीफ उसे क्यों दी जा रही है।