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भारत के सस्टेनेबल फ्यूचर के मॉडल को प्रसारित करें प्रवासी भारतीय - राज्यपाल

भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि भारतीयता की वैश्विक दृष्टि और सस्टेनेबल फ्यूचर के मॉडल को दुनिया भर में प्रसारित किया जाना चाहिए। वैश्विक शांति और मानवता के कल्याण के लिए भारतीय दर्शन, संस्कृति और जीवन मूल्यों की सॉफ्ट पावर से दुनिया को परिचित कराने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका महत्वपूर्ण है। राज्यपाल लंदन प्रवास के दौरान फ्रेंड्स ऑफ़ एम.पी. संगठन के सदस्य प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद कर रहे थे।  राज्यपाल श्री पटेल की पत्नी श्रीमती नर्मदाबेन पटेल, लंदन के डिप्टी मेयर श्री राकेश अग्रवाल, फ्रेंड्स ऑफ़ एम.पी. संगठन के प्रेसीडेंट श्री रोहित दीक्षित भी उपस्थित थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र कला,  साहित्य,  राजनीति,  व्यापार, विज्ञान, प्रौद्योगिक अर्थ-व्यवस्था और आध्यात्म सभी में प्रवासी भारतीयों की प्रतिभा को दुनिया ने माना है। प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियाँ हर भारतीय का गौरव है। यह गर्व की बात है कि मध्यप्रदेश आज देश में सर्वाधिक 19 प्रतिशत से अधिक विकास दर के साथ प्रगति कर रहा है। देश की अर्थ-व्यवस्था में राज्य का योगदान काफी बढ़ गया है। देश के फूड बॉस्केट और लॉजिस्टिक हब की पहचान के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश की चौथी रैंक है। राज्य की उद्योग संवर्धन नीति निवेश फ्रेंडली है, जिसमें  सूचना प्रौद्योगिकी,  फार्मास्युटिकल,  पर्यटन, स्वास्थ्य, कृषि एवं खाद्य प्र-संस्करण और टेक्सटाईल के क्षेत्र में निवेश की अपार सम्भावनाएँ हैं। टैक्स व्यवस्था से अलग सहायता के लिए निवेश प्रोत्साहन योजना है। प्लांट मशीनरी और भवन पर निवेश प्रोत्साहन सहायता दी जा रही है। विकास खंडों में स्थापित होने वाली, निर्यातक इकाइयों, फूड प्रोसेसिंग और रोजगार सृजक इकाइयों को भी सहायता मिलती है। टेक्सटाईल परियोजनाओं को ब्याज अनुदान, औद्योगिक प्रयोजन के लिए विकसित परियोजना को भूमि मूल्य में 50 प्रतिशत की छूट, रोड, पानी, विद्युत संरचना विकास परियोजना व्यय पर 50 प्रतिशत सहायता जैसे अनेक प्रावधान नीति में हैं। औद्योगिक परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मानीटरिंग इन्वेस्ट पोर्टल के द्वारा की जाती है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया की जी.आई.एस. आधारित व्यवस्था है। समेकित आर्थिक विकास के आदर्श मॉडल के रूप में चंबल एक्सप्रेस-वे विकसित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार की दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर योजना में राज्य के नीमच,  रतलाम,  मंदसौर,  झाबुआ,  अलीराजपुर,  धार, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास और राजगढ़ जिले शामिल हैं।

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