मुंबई। आज की स्ट्रगल स्टोरी में कहानी राजपाल यादव की, जो 24 साल से फिल्मों में कॉमेडी करते नजर आ रहे हैं। इस कहानी की शुरुआत उनके खास दिन से करते हैं, उन्हीं की जुबानी…
तारीख थी 20 जनवरी, 2001 और जगह मुंबई का इलाका-अंधेरी । इस दिन 7वें स्क्रीन अवॉर्ड दिए जा रहे थे। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे लिए ये दिन खास होने वाला है। मुझे निगेटिव रोल के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड दिया गया। यकीन नहीं हुआ कि ये अवॉर्ड मुझे मिल रहा है। जब मैं अवॉर्ड लेने के लिए स्टेज पर गया तो खूब तालियां बजीं। ये अवॉर्ड मुझे फिल्म जंगल के लिए मिला था, जो मेरे करियर की चौथी फिल्म थी।
खुद को लकी मानता हूं कि मैंने 24 साल के एक्टिंग करियर में बहुत संघर्ष देखे और कामयाबी भी इस सफर में साथ रही। शाहजहांपुर से निकलकर बॉलीवुड में बतौर कॉमेडियन अपनी जगह बनाना बिल्कुल आसान नहीं था। कभी रिजेक्शन, तो कभी तंगी झेली, लेकिन मैं इससे कभी नहीं घबराया।
बातचीत की शुरुआत में मैंने बताया कि मैं उनके संघर्ष को आज की स्ट्रगल स्टोरी में कवर करना चाहती हूं, तो उन्होंने कहा-जब से जन्मा हूं तब से ही संघर्ष रहा है। आपको कितने शब्दों में बता दूं?