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कृषि अधिकारियों ने कहा-बिना अमला चल रहा है कामकाज

कृषि विभाग की लंबित मांगों को मुख्यमंत्री से चर्चा कर पूरा करने का दिया कृषि मंत्री पटेल ने आश्वासन

भोपाल। कृषि विभाग में सिर्फ 25 प्रतिशत अधिकारी होने के बाद भी बीते दस सालों में कृषि विकास दर 18 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। इसी के चलते 7 कृषि कर्मण अवॉर्ड भी मिले हैं। बावजूद कृषि अधिकारियों के खाली पडेÞ पदों पर भर्ती नहीं हो रही है। इसके विरोध में कृषि अधिकारी संघ, कृषि विकास अधिकारी संघ एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ ने संयुक्त कृषि संघर्ष मोर्चा बनाकर मंगलवार को मंडी बोर्ड पहुंचकर कृषि मंत्री कमल पटेल को 7 सूत्री ज्ञापन सौंपा। इस पर कृषि मंत्री ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री से बात करके निराकरण करवाएंगे।

इस बारे में कृषि अधिकारी संघ अध्यक्ष डॉ अजय कौशल, कृषि विकास अधिकारी संघ अध्यक्ष दिलावर सिंह कौरव और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ अध्यक्ष मनोहर गिरी ने विभाग की स्थिति और मांगों के बारे में बताया। इनका कहना था कि वरिष्ठ पदों के खाली रहने से योजनाओं के क्रियान्वयन पर असर पड़ रहा है।

  • यह हैं मांगें
  • -2016 से पदोन्नति ठप होने से रिक्त पडेÞ समस्त उच्च पदों पर कोष एवं लेखा, वित्त विभाग, राजस्व, पुलिस की तर्ज पर पांच स्तरीय वेतनमान और पदनाम दिए जाएं। 
  • -संचालक कृषि के दोनों पदों को विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों से भरा जाए। 
  • -वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखंड स्तर का पद होने से बाकी विभागों की तर्ज पर इस कैडर को भी राजपत्रित घोषित किया जाए। 
  • -ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ग्रेड पे-3200, कृषि विकास अधिकारी ग्रेड पे-3600 एवं वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी ग्रेड पे-4200 वेतनमान निर्धारित किया जाए। इन पदों के लिए मूल योग्यता बीएससी एग्रीकल्चर है, जिसको भारत सरकार ने प्रोफेशनल घोषित किया है। 
  • -कृषि विकास अधिकारी से संचालक कृषि स्तर तक के समस्त रिक्त पदों को वरिष्ठता के अनुसा पदस्थ किया जाए। 
  • -मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार समस्त परिवीक्षाधीन कृषि अधिकारियों को द्वितीय वर्ष से 100 प्रतिशत वेतन दिया जाए। 
  • -पुरानी पेंशन योजना के फिर से लागू किया जाए।

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