मृतक राधेश्याम का जीवित अवस्था का फोटो |
बेगमगंज। रविवार की दोपहर लखनपुर और बांसादेही गांव के बीच दो बाइकों की जोरदार भिड़ंत में दो गंभीर घायलों को भोपाल रेफर किया गया था। जिसमें एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल के सेमरा चांदबढ़ में रहने वाले राधेश्याम विश्वकर्मा (55) पुत्र गया प्रसाद कारपेंटर थे। वे अपने पुत्र दीपक के साथ रिश्तेदारी में आए हुए थे वापस होते रविवार की दोपहर लखनपुर और बांसदेही गांव के बीच सड़क हादासे में घायल हो गए। परिजनों का आरोप है कि रांग साइड से आ रहे बाइक चालक ने उनकी बाइक को सामने से जोरदार टक्कर मारी थी। इस हादसे में घायल व्यक्ति करीब डेढ़ घंटे तक घटना स्थल पर ही तड़पते रहे। 108 को कई कॉल करने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंची थी। बाद में घायल को निजी वाहन से बेगमगंज के सरकारी अस्पताल में
पहुंचाया था। जहां से प्रारंभिक इलाज के बाद उन्हें रायसेन जिला अस्पताल में एम्बुलेंस के जरिए भेजा गया। यहां भी कोई सीनियर डॉक्टर नहीं मिला। बाद में परिजन उन्हें प्राइवेट वाहन से भोपाल ले आए। यहां अयोध्या बाइपास में स्थित जिंदल अस्पताल में उन्हें भर्ती करा दिया गया। इलाज के दौरान मंगलवार बुधवार की दरमियानी रात दो बजे उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने मौत का कारण अधिक खून बेहना बताया है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि राधेश्याम विश्वकर्मा (55) पुत्र गया प्रसाद विश्वकर्मा निवासी सेमरा - चांदबढ़ कारपेंटर थे। उनका बेटा 18 साल का दीपक जबकि बेटी 22 साल की रोशनी है। रोशनी की 2020 में शादी हो चुकी है। राधेश्याम अपने बेटे दीपक के साथ शनिवार बेगमगंज के नजदीक बांसादेही गांव गए थे।
यहां उनका ससुराल है, ससुराल वालों से मुलाकात करने के बाद रविवार की दोपहर बेटे के साथ बाइक पर सवार होकर लौट रहे थे। लखनपुर और बांसादेही गांव के बीच उनकी बाइक को सामने से आ रहे बाइक सवार ने जोरदार टक्कर मार दी।
पेट में हैंडल घुसने से गंभीर चोट आई:- मृतक राधेश्याम के रिश्तेदार राजकुमार विश्कर्मा ने बताया कि टक्कर मारने वाले वाहन का चालक रांग साइड से आ रहा था। हादसे में राधेश्याम के पेट में बाइक का हैंडल घुसने के कारण गंभीर चोट आई थी। उनका सिर फूट चुका था, जबकि जबड़ा टूट गया था। घटना के समय बाइक पर दीपक पीछे बैठा था।टक्कर के बाद वह दूर जा गिरा था, इससे उसके हाथ पांव में मामूली चोट आई हैं। दीपक ने ही 108 को कॉल किया था। करीब डेढ़ घंटे तक एम्बुलेंस मौके पर नहीं आई। तब राहगीर की मदद से निजी वाहन से उसने पिता को सरकारी अस्पताल पहुंचाया। यहां पिता को फर्स्ट एड देने के बाद रायसेन के जिला अस्पताल में इलाज के दिए भेज दिया गया।
सीटी स्केन के लिए एक दिन इंतेजार करने को कहा:- मृतक के अन्य रिश्तेदार कल्याण विश्वकर्मा ने बताया कि रायसेन के सरकारी अस्पताल में राधेश्याम को मामूली मरहम पट्टी कर छोड़ दिया गया।कुछ समय बाद डॉक्टरों ने बताया कि रविवार होने के कारण अस्पताल में कोई सीनियर डॉक्टर नहीं है। सीटी स्केन के लिए सोमवार तक इंतजार करना होगा। तब तक परिजन रायसेन पहुंच चुके थे। वे उन्हें लेकर भोपाल आए। यहां जिंदल अस्पताल में भर्ती किया गया। खून अधिक बहने की वजह से तब तक राधेश्याम बेसुध हो चुके थे। 24 घंटे चले इलाज के बाद उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है।