महिला चिकित्सक के बाहर से आने के कारण हुआ विलंब,
सिविल अस्पताल में नहीं है कोई महिला चिकित्सक
बेगमगंज। मानवीय संवेदनाओं को झकजोर देने वाली घटना बेगमगंज में सामने आई जहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते प्रसव के कुछ दिन बाद नव विवाहिता की मौत हो जाने पर शव के पीएम के लिए परिजन सिविल अस्पताल में 20 घंटे तक महिला डॉक्टर का इंतजार करने को मजबूर हुए लेकिन किसी की भी मानवीय संवेदनाएं नहीं जागीं।
आपको बता दें कि यशोदा बाई पत्नी रामस्वरूप लोधी आयु 22 वर्ष निवासी ग्राम पापड़ा थाना सुल्तानगंज के यहां दूसरा प्रसव करीब 10 दिन पहले हुआ था तब दोनों जच्चा और बच्चा स्वस्थ थे। बाद में महिला को बुखार आने लगा तब परिजन चार सितम्बर को सिविल अस्पताल लेकर आए। अस्पताल लाते समय यशोदाबाई कि रास्ते में ज्यादा तबियत बिगड़ गई जब तक परिजन उसे सिविल अस्पताल लेकर आए तब चेक करने पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिस पर परिजन यशोदा बाई के शव को अपने घर ग्राम पापड़ा वापिस ले गए। वहीं इसी बीच अस्पताल प्रबंधन ने बेगमगंज पुलिस को मर्ग की सूचना दी। सूचना पर पुलिस सिविल अस्पताल पहुंची तो अस्पताल में यशोदा बाई का शव नहीं मिला जानकारी लेने के उपरांत पुलिस पापड़ा गांव पहुंची और आवश्यक कार्रवाई उपरांत यशोदा बाई के शव को उनके परिजनों सहित देर शाम बेगमगंज लेकर आई और पीएम के लिए शव मर्चुरी भवन में रखवा दिया क्योंकि रात को पीएम होता नहीं है। ऐसी स्थिति में कानून के हिसाब से महिला डॉक्टर के द्वारा ही पीएम किया जाना चाहिए। लेकिन सिविल अस्पताल में कोई महिला डॉक्टर नहीं होने के कारण बाहर से महिला डॉक्टर को बुलवाने की सूचना जिला मुख्यालय भेजी गई । लेकिन करीब 20 घंटे गुजर जाने के बावजूद महिला डाक्टर उपस्थित नहीं हो पाई जिसके कारण परिजनों को काफी मानसिक कष्ट झेलना पड़ा फिर कहीं जाकर 20 घंटे के बाद महिला के शव का पीएम औबेदुल्लागंज से आई महिला चिकित्सक के द्वारा किया गया।
मामले में मृतक महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है कि यदि समय पर महिला डॉक्टर को सूचना दे दी होती तो लगभग 20 घंटे पीएम के लिए इंतेजार नहीं करना पड़ता।
सूत्रों की माने तो बेगमगंज अस्पताल में कुछ दिनों से कई लापरवाहियां सामने आ रही हैं। चिकित्सा विशेषज्ञ होने के बावजूद प्रबंधन उन्हें सामग्री उपलब्ध नहीं करा रहा है जिस कारण डाक्टर सही तरीके से मरीजों का उपचार नहीं कर पा रहे हैं। करीब 6 माह से एक्सरे की फिल्म नहीं होने से लोगों को मोबाइल पर एक्सरे की फोटो देकर काम चलाया जा रहा है। इसके अलावा अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों को सामग्री उपलब्ध नहीं होने के कारण इलाज करने में दिक्कतें आ रही हैं लेकिन प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। बिजली गोल होने पर अस्पताल में मौजूद सोलर लाइटें, जनरेटर आदि का लाभ भी नहीं मिल रहा है लाइट जाने पर कई कमरों में अंधेरा रहता है और पंखे नहीं चलते जिससे मरीजों सहित स्टाफ को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं मरीजों को कई दवाएं बाजार से खरीदना पड़ती हैं। कहने को मरीजों का निशुल्क उपचार किया जा रहा है।
मर्ग के संबंध में एएसआई अमृत लाल मालवीय का कहना है। अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर जीरो पर मर्ग कायम कर थाना सुल्तानगंज भेजा गया है। और शव का पीएम करा कर परिजनों को सौंप दिया है।
सिविल हॉस्पिटल