बेगमगंज। को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जनजाति संवर्धन सप्ताह अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति बालक छात्रवास में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बच्चों के साथ नालसा आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण और परावर्तन के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015 के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति के विधिक अधिकारों के संबंध में विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन आर के वर्मा, अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति व जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा छात्रावास में आयोजित किया।
आदिवासी दिवस पर विधिक साक्षरता |
शिविर में श्री वर्मा द्वारा बच्चों को जागरुक करते हुए बताया गया कि विश्व से समस्त आदिवासियों को एकजुट कर उनके अधिकारों संस्कृति एवं उनकी विविधता का सम्मान करने के लिए विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य आदिवासी नागरिकों के अधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है। शिविर अंतर्गत श्री वर्मा द्वारा अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति की विधिक अधिकारों तथा शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के संबंध में जानकारी दी गई, साथ ही अस्पृश्यता के खिलाफ नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम व अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम आदि कानूनी प्रावधानों के संबंध में भी जागरूक किया गया।
श्री वर्मा द्वारा बच्चों को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के जीवन एवं शिक्षा के लिए उनके द्वारा किए गए संघर्ष के संबंध में भी जानकारी दी तथा उनके समान शिक्षा को महत्व देते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित किया गया।
एम ए देहलवी, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक द्वारा शिक्षा के अधिकार के संबंध में जानकारी दी गई तथा बच्चों को बताया गया कि शिक्षा के अधिकार के तहत 6 वर्ष से 14 वर्ष के सभी बालक एवं बालिकाओं के लिए निशुल्क शिक्षा एवं प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है। इसलिए प्रत्येक बच्चे को चाहे वह निर्धन एवं गरीब वर्ग का क्यों ना हो प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार रखता है। बच्चों को शिक्षा की अनिवार्यता एवं शिक्षा के महत्व के संबंध में भी जानकारी दी गई।
शिविर उपरांत छात्रवास परिसर में न्यायधीश आर के वर्मा, एम ए देहलवी व छात्रवास अधीक्षक परसराम अहिरवार, शिक्षक गण एवं विद्यार्थी गण द्वारा पौधारोपण किया गया, जिसमें आम, नारियल, नीम, आंवला आदि विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया।