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तिनसुआ में चल रहा असंख्य पार्थिवेश्वर शिवलिंग निर्माण रुद्राभिषेक

बेगमगंज। भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय के संबंध में  ज्योतिषाचार्य हरिकेश शास्त्री तिंसुआ वालों ने बताया कि रुद्राभिषेक का अर्थ है , भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना।

असंख्य पार्थिव शिवलिंग निर्माण रुद्राभिषेक ।

जीवन में कोई कष्ट हो या कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक कर के देखें निश्चित रूप से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होगी।  शिव जी को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक करना अथवा श्रेष्ठ ब्राह्मण विद्वानों के द्वारा कराना।

वैसे भी भगवान शिव को जलधाराप्रिय माना जाता है क्योंकि वह अपनी जटा में गंगा को धारण किये हुए हैं आप जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु रुद्राभिषेक करा रहे हैं उसके लिए किस द्रव्य का इस्तेमाल करना चाहिए इसका उल्लेख शिव पुराण में किया गया है।

कथा व्यास हरिकेश शास्त्री ने बताया कि यदि वर्षा चाहते हैं तो जल से रुद्राभिषेक करें। रोग और दुःख से छुटकारा चाहते हैं तो कुशा जल से अभिषेक करना चाहिए। मकान, वाहन या पशु आदि की इच्छा है तो दही से अभिषेक करें लक्ष्मी प्राप्ति और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करें।

धन में वृद्धि के लिए जल में शहद डालकर अभिषेक करें। मोक्ष की प्राप्ति के लिए तीर्थ से लाये गये जल से अभिषेक करें बीमारी को नष्ट करने के लिए जल में इत्र मिला कर अभिषेक करें। पुत्र प्राप्ति रोग शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए गाय के दुग्ध से अभिषेक करें।ज्वर ठीक करने के लिए गंगाजल से अभिषेक करें।सद्बुद्धि और ज्ञानवर्धन के लिए दुग्ध में चीनी मिलाकर अभिषेक करें। 

वंश वृद्धि के लिए घी से अभिषेक करना चाहिए।शत्रु नाश के लिए सरसों के तेल से अभिषेक करें।पापों से मुक्ति चाहते हैं तो शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करें ।

इस प्रकार विभिन्न कामनाओं के लिए विभिन्न द्वव्यो के साथ अभिषेक कर सकते हैं । भगवान शिव सीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं सभी भक्तो ने पूजन अभिषेक किया । इस समय पर संजय वेदपाठी एवं समस्त ग्रामवासियों ने भगवान की आरती प्रशाद पाया।


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