बेगमगंज। रक्षाबंधन इस बार राखी बांधने के लिए मिलेंगे सिर्फ 3 घंटे और 26 मिनट 30 या 31 अगस्त कब है रक्षाबंधन का पर्व रक्षाबंधन 2023 धनिष्ठा नक्षत्र राजयोग सहित अन्य योग संयोगों में भाई-बहन की प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 1 बजाएं 2 दिन 30 अगस्त 31 अगस्त को मनाया जाएगा ज्योतिषीबिदो के मुताबिक रक्षाबंधन का पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा भद्रा रहित अपराहन काल में मनाया जाता है शास्त्र अनुसार पर्व पर भद्रा विशेष रूप से वर्जित बताई गई है इस बार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा 30 अगस्त बुधवार को सुबह 10:59 से शुरू होगी यह अगले दिन 31 अगस्त सुबह 7:06 बजे तक रहेगी पूर्णिमा की शुरुआत के साथ भद्रा सुबह 10:59 बजे से शुरू होकर रात्रि 9:02 बजे तक रहेगी दिन में राखी बांधने का मुहूर्त नहीं रहेगा भद्रा चाहे स्वर्ग की हो चाहे मृत्यु लोक की हो चाहे आकाश की हो भद्रा वर्जित है।
पंडित कमलेश शास्त्री |
इसको भद्रा में नहीं करना चाहिए संग्रह ने कहा कि भद्रा में श्रावणी और फाल्गुनी नहीं करना चाहिए श्रावणी राजा का नाश करती है और फाल्गुनी ग्राम का दहन करती हैं उसके भद्रा रहने पर तो रात्रि में भी उसके अंत में करें यह निर्णयामृत में कहा है।
भद्रा मैं राखी क्यों नहीं बांधते पंडित कमलेश कृष्ण शास्त्री तिनसुआ वालों ने बताया कि द्वितीय श्रावण शुक्ल चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा शुरू होने के साथ ही पूर्णिमा भी भद्र प्रातः 10ः59 से रात्रि 9ः2 तक रहेगी 9:02 के पश्चात मध्य रात्रि 12:28 तक राखी बांधी जा सकती हैं सूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांधी थी रात्रि 12 28 बजे तक मुहूर्त है निर्णय सागर पंचांग के अनुसार बताया कि राखी बांधने के लिए भद्रा की स्थिति में दो नियम प्राप्त होते हैं इस बार दूसरा नियम यानी 31 अगस्त को पूर्णिमा सूर्योदय के बाद 2घंटे 24मिनट उपलब्ध नहीं होने से एक दिन पहले ही 30 अगस्त 2023 को ही भद्रा के बाद रात्रि 9:02 बजे से निषित काल मे रात्रि 12:28 बजे तक राखी बांधी जा सकती है केंद्र राज्य सरकार के कैलेंडर में पर्व का अवकाश 30 अगस्त को ही रहेगा इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त 2023 को ही है
31 अगस्त 2023 को रक्षाबंधन का त्यौहार क्यों नहीं है प्रथम एक तो पूर्णिमा त्रिमुहूर्त से कम है द्वितीय निर्णय सिंधु पेज नंबर 248 में लिखा है इस को प्रतिपदा से युक्त ना करें मदनरत्न में ब्रह्मावैवर्त पुराण का मत है कि नंदा के दर्शन में रक्षाबंधन में बलिदान और भद्रा में गोकुल की क्रीडा देश के नास के लिए होती है और जो ब्राह्मण उपाकर्म करते हैं उनके लिए 30 तारीख ही शास्त्र मत है उपाकर्म के लिए और 31 अगस्त 2023 प्रातः 8:30 से बजे से उपाकर्म कर सकते हैं।