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गुलवाड़ा , पन्दरभटा पंचायत में फर्जी बिल वाउचर से लाखों निकाल किया गबन

जिला पंचायत सीईओ ने जांच बैठाई "

बेगमगंज। जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत गुलवाड़ा   में विभिन्न निर्माण कार्यों के अंतर्गत फर्जी बिल वाउचर लगाकर ₹ 60 लाख  एवं पन्दरभटा पंचायत में 40 लाख के गबन किए जाने का मामला पकड़ में आने से जिला पंचायत सीईओ द्वारा जांच कमेटी बैठाई गई है।

गुलवाड़ा का घटिया पंचायत भवन निर्माण किया गया ।

ग्राम पंचायत गुलवाड़ा एवं पन्दरभटा के निवासियों द्वारा क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य एवं सहकारिता एवं उद्योग विभाग के सभापति राजा दिग्विजय सिंह यादव को शिकायती ज्ञापन देकर ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत कागजों पर कराए गए विकास कार्यों के द्वारा फर्जी बिल बाउचरों से पैसे निकाले जाने की शिकायत किए जाने पर उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए उनके द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सीईओ के समक्ष उपरोक्त गबन के मामले को प्रमुखता से रखा ।                       

जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सीईओ द्वारा बेगमगंज तहसीलदार एवं संबंधित विभागों के जिला अधिकारियों को उपरोक्त मामले की तत्काल जांच कराकर पूर्व सरपंच, रोजगार सहायक, सचिव  और संबंधित क्षेत्र के इंजीनियरों द्वारा किए गए उपरोक्त भ्रष्टाचार की जांच उपरांत उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई करने के लिए 22 जुलाई 23 तक जांच प्रतिवेदन दिए  जाने को निर्देशित किया गया है ।

ग्राम पंचायत गुलवाड़ा के निवासियों द्वारा शिकायत की गई है कि क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार देने के उद्देश्य भारत सरकार द्वारा मनरेगा के तहत गांव में विभिन्न विकास कार्यों को कराए जाने के लिए ग्राम पंचायत को बजट दिया गया था लेकिन पूर्व सरपंच  ,रोजगार सहायक  , सचिव एवं इंजीनियरों की मिलीभगत से मनरेगा योजना के अंतर्गत फर्जी तरीके से कागजों में  खेत तालाब बनाए जाने का फर्जी जमीन का नक्शा खसरा लगाया गया ।

तालाब , फार्म पौंड , संकरण पौंड  कागजों में बनाए जाने का आरोप  लगाते  हुए फर्जी बिल वाउचर लगाकर  ₹ 60 लाख  निकाल लिए गए और तालाबों के निर्माण के नाम पर मनरेगा में  मजदूरों की जगह मात्र तीन-चार घंटे जेसीबी मशीन चला कर इंजीनियर से फर्जी मूल्यांकन करवाकर एवं फर्जी मस्टररोलों  के द्वारा बिल लगाकर राशि निकाली गई।

ठीक इसी प्रकार पन्दरभटा पंचायत में भी सरपंच एवं रोजगार सहायक व सचिव एवं इंजीनियर  द्वारा  इन्हीं कामों में फर्जी बिल वाउचर से 40 लाख का गबन किया गया है । गुलवाड़ा एवं पन्दरभटा पंचायत क्षेत्र में सिर्फ कागजों में ही तालाब फॉर्म पौण्ड , संतरण पौण्ड बनाए गए हैं । जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं है। इसके अतिरिक्त गुलवाड़ा में  बोल्डर चेक भी सिर्फ कागजों में बनाए गए हैं । प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बिना आवास बनाए  पूरी राशि निकाली गई है और अनाज भंडार गोदाम के नाम पर ₹3 लाख  निकाले गए हैं जबकि धरातल पर गोदाम का अता पता नहीं है।

 इसके अतिरिक्त अन्य मदों में भी भारी भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई है कि सरपंच , रोजगार सहायक , सचिव एवं इंजीनियर के गठजोड़ ने ₹ 60 लाख  से ऊपर की राशि का गबन किया है। जबकि पन्दरभटा में 40 लाख का गबन किया जाने का आरोप लगाया गया है।

इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य राजा दिग्विजय सिंह यादव  द्वारा  गुलवाड़ा पंचायत की 16 बिंदुओं पर शिकायत पत्र देते हुए तत्कालीन सरपंच , रोजगार सहायक , सचिव एवं इंजीनियर के द्वारा 8 वर्ष के अंदर करीब ₹ 60 लाख  के गबन किए जाने का आरोप लगाते हुए उपरोक्त बिंदुओं पर निष्पक्षता से जांच कराए जाने की शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ द्वारा तहसीलदार बेगमगंज , सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत प्रदीप झोंपे  एवं परियोजना अधिकारी मनरेगा अखिलेश द्विवेदी को निर्देशित किया है कि उपरोक्त 16 बिंदुओं पर शिकायतों के आधार पर तथ्यों सहित तथ्यात्मक जांच करके स्पष्ट अभिमत के साथ जांच  प्रतिवेदन 22 जुलाई तक प्रस्तुत करें। ताकि संबंधित गबनकर्ताओं के विरुद्ध एफआईआर कराई जा सके ।

उल्लेखनीय है कि यह तो मात्र एक बानगी है यदि बेगमगंज तहसील की ऐसी ग्राम पंचायतों की जांच कराई जाए तो सैकड़ों नहीं हजारों ऐसे मामले सामने आएंगे जिनमें  मनरेगा के तहत कराए गए निर्माण कार्य एवं फर्जी मस्टररोल का गोरखधंधा सामने आएगा। जिसमें सरपंचों , सचिवों , रोजगार सहायकों एवं इंजीनियर की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का गबन किया गया है।

पिछली बार कुछ तत्कालीन सरपंचों एवं सचिवों , रोजगार सहायकों की शिकायत मिलने पर बेगमगंज के एसडीएम एवं जनपद पंचायत सीईओ द्वारा जांच उपरांत उनके खिलाफ कार्रवाई करने एवं एफआईआर  कराने की अनुशंसा के साथ जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत को भेजे गए थे लेकिन आज दिनांक तक उन पर कार्रवाई नहीं होने की बात करते हुए संबंधित अधिकारी बताते हैं कि जब ऊपर से ही मामला आगे नहीं बढ़ा तो वह क्या कर सकते हैं ।

जनपद पंचायत सीईओ आशीष जोशी का कहना है कि ग्राम पंचायत पन्दरभटा की  फर्जी मस्टररोल एवं बिल वाउचर सहित निर्माण कार्यों की जांच चल रही है । जांच उपरांत जिला पंचायत सीईओ को जांच प्रतिवेदन भेजा जाएगा । अन्य 8 ग्राम पंचायतों का भी बताया जा रहा है तो उन्हें भी दिखवा लेते हैं । 



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