मुंबई। आमिर खान की फिल्म 'तारे जमीं पर' में ईशान अवस्थी के पापा नंदकिशोर अवस्थी तो आपको याद होंगे ही। एक पिता जो डिस्लेक्सिया से पीड़ित बेटे की परेशानियों को समझ नहीं पाता। ये रोल निभाया था एक्टर विपिन शर्मा ने। विपिन इंडस्ट्री में काफी समय पहले आ चुके थे। मिर्च मसाला (1987) और हीरो हीरालाल (1988) जैसी फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर रहे और लंबे समय तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में भी एक्टिव रहे।
विपिन शर्मा की कहानी बाकी स्टार्स से अलग है। लोग एक मौका पाने के लिए सालों तक संघर्ष करते हैं, लेकिन दो फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर रहने के बाद भी विपिन को खुद पर भरोसा नहीं था कि वो एक्टर या डायरेक्टर बन पाएंगे। नतीजा ये हुआ कि अच्छा खासा करियर छोड़ कनाडा में जा बसे और छोटे-मोटे काम करते रहे। 12 साल वहां रहे, जब दोस्त एक्टर इरफान खान ने इन्हें अपनी फिल्म मकबूल (2003) दिखाई तो एहसास हुआ कि इन्हें एक्टिंग करनी चाहिए।
कनाडा से मुंबई लौटे और फिल्मों में किस्मत आजमाई। सफल भी हुए। विपिन शर्मा स्लम एरिया में पैदा हुए और पले-बढ़े। उस झोपड़पट्टी में बिजली तक नहीं होती थी। उन्होंने अपने कमरे में पहली बार बिजली तब देखी जब NSD ज्वाइन की और वहां होस्टल में रहने गए।