भोपाल। मात्र दो दिन की नवजात बालिका की धारदार हथियार से हत्या कर उसके शव को शाल में लपेटकर शिव मंदिर के चबूतरे पर फेंकने के मामले में न्यायाधीश अतुल सक्सेना की अदालत ने नवजात बालिका के नाना पूरन सिंह अहिरवार एवं नानी श्रीमती विद्या बाई अहिरवार को आरोप प्रमाणित पाए जाने पर दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। मामले की सहआरोपी नवजात बालिका की मां काजल उर्फ सुमित्रा को साक्ष्य के अभाव में न्यायाधीश ने दोषमुक्त कर दिया।
अभियोजन के मुताबिक आरोपियों की बेटी काजल उर्फ सुमित्रा और बहादुर सिंह के संसर्ग से शिशु का जन्म हुआ था। लोक-लाज एवं भय के चलते आरोपियों ने धारदार हथियार से नवजात बालिका की हत्या कर उसके शव को शाल में लपेटकर अयोध्या नगर स्थित शिव मंदिर के चबूतरे पर फेंक दिया था। दिनांक 28
सितंबर 2020 को गौरव कुरेकर ने थाना अयोध्या नगर में सूचना दी थी। पुलिस ने सूचना मिलने पर नवजात बालिका का शव बरामद कर मामले की जांच के बाद नवजात बालिका के नाना पूरन सिंह अहिरवार नानी श्रीमती विद्या बाई अहिरवार एवं नवजात बालिका की मां काजल उर्फ सुमित्रा के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा.302, 120 बी और 201 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्व कर अभियोग पत्र जिला अदालत में प्रस्तुत किया था।