भोपाल। नवांकुर म्यूजिक ग्रुप द्वारा स्वर शाला के नाम से संगीत के शिक्षण और प्रचार प्रसार का कार्य किया जाता है। दर असल स्वर शाला व्यवसायिक और शौकिया गायकों का एक समूह है जहां हर गायक को उसकी कअवश्यकता अनुसार सुगम संगीत का प्रशिक्षण दिया जाता है। स्वर शाला की कोशिश है की इन गायकों को शास्त्रीय संगीत के बेसिक्स की ट्रेनिंग देते हुए सुगम संगीत का अभ्यास कराया जाए ताकि इन गायकों के गायन की गुणवत्ता और बेहतर हो सके । स्वर शाला का मानना है की शास्त्रीय संगीत के अथाह समुद्र की कुछ छींटे भी गायक पर पड़ जाएं तो उसकी संगीत यात्रा सार्थक हो जायेगी ।
स्वर शाला का हमेशा प्रयास रहा है कि संगीत को घर-घर पहुंचाया जाए ताकि संगीत के माध्यम से मिलने वाली खुशी और सुकून हर व्यक्ति और हर परिवार तक पहुंचे । और जब व्यक्ति खुश और सुकून से रहेगा तो निश्चित ही अपने देश की तरक्की में भी बहुत अच्छा योगदान देगा । इसीलिए स्वर शाला को Misic for Happiness के साथ जोड़ा गया है ।
स्वर शाला द्वारा आगामी 9 जुलाई को रविन्द्र भवन में Melody of Ragas नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया है । इस कार्यक्रम में सुगम संगीत के शौकीन लोगों को यह बताया जाएगा की राग क्या होती है , इनको कैसे गाया जाता है और फिल्मी गीतों में इन रागों का कैसे इस्तेमाल किया गया है । यह कार्यक्रम अपनी तरह का अनूठा कार्यक्रम जहां आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और बहुत सुकून दायक मनोरंजन भी होगा । राग अहिर भैरव पर आधारित गीत पूछो ना कैसे मैंने रैन बिताई या राग दरबारी पर आधारित गीत झनक झनक तोरी बाजे पायलिया या फिर रहा यमन की कव्वाली निगाहें मिलने को जैसे अनेकों गीत आपको इस कार्यक्रम में सुनने मिलेंगे । ऐसे अनेकों लोकप्रिय गीत हैं जो श्रोताओं को बहुत पसंद है लेकिन उन्हें नही पता की ये गीत किन रागों पर आधारित है, यह जानकारी भी इस कार्यक्रम में मिलेगी।
कार्यक्रम पूर्णता निशुल्क है तथा कार्यक्रम में किसी तरह के आमंत्रण पत्र की आवश्यकता नहीं है। कार्यक्रम 9 जुलाई को शाम को 7:00 बजे रविंद्र भवन में में आयोजित किया गया है। स्वर शाला द्वारा सभी संगीत प्रेमियों को इस कार्यक्रम में सम्मिलित हेतु अनुरोध किया गया है ।