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कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को एक साल की सजा और 10 हजार जुर्माना

एमपीएमएलए कोर्ट ने राजगढ़ के मामले में सुनाई सजा

भोपाल। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी सहित चार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शासकीय कार्य में बाधा ड़ालने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एमपी एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश विधान माहेश्वरी ने एक साल की सजा  और जुर्माने से दंडित किया गया है। हालांकि सजा सुनाए जाने के बाद पटवारी सहित सारे आरोपियों को जमानत भी मिल गई। वहीं पटवारी ने फैसला सुनने के बाद ऊपर की अदालत में अपील दायर करने की बात की है। 

इस बारे में सहायक लोक अभियोजन अधिकारी विजय कोटिया ने बताया कि वर्ष 2009 में कलेक्टर को ज्ञापन देने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी के साथ हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ता पहुंचे थे। तब कलेक्टोरेट में भीड़ के कारण गेट बंद कर लिया गया था, जिस पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गेट तोड़ ड़ाला और तोड़फोड़ की थी। इसके साथ ही वहां मौजूद कर्मचारियों से भी धक्का मुक्की की गई थी। इसमें दिग्विजय सिंह को भी चोटें आई थीं। इस मामले में पुलिस में 14 नामजद सहित अन्य आरोपी बनाए गए थे, जिनके खिलाफ सुनवाई के बाद शनिवार को फैसला सुनाया गया। फैसला सुनने पटवारी सहित सिर्फ चार आरोपी ही कोर्ट में हाजिर हुए, बाकी 10 आरोपी गैरहाजिर रहे। ऐसे में इनको फरार घोषित करके कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी कर दिया है और फैसल सुरक्षित रख लिया है। 

वहीं कोर्ट के बाहर जीतू पटवारी ने कहा कि वह फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और जनता के लिए लड़ते रहेंगे। उनके खिलाफ राजनीतिक कारणों से केस दर्ज किया गया था, जिसमें तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा गया। 

अपराध और दी गई सजा

  • आरोपी-जीतू पटवारी सहित घनश्याम शर्मा, सुरेंद्र मरमट, कृष्ण कुमार
  • सजा-बलवा करने पर धारा 142 ताहि में 6-6माह की सजा और एक -एक हजार रुपए जुर्माना
  • -शासकीय कार्य में बाधा ड़ालने और उपहति कारित करने पर धारा 332 ताहि के में एक-एक साल की सजा और 500-500 रुपए जुर्माना
  • -लोक संपत्ति नुकसानी निवारण अधिनियम की धारा 3 में एक-एक वर्ष की सजा और 2-2 हजार रुपए जुर्माना

दिग्विजय सिंह के मामले की सुनवाई 5 अगस्त को

एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में शनिवार को दोनों ही पक्ष नहीं पहुंचे। ऐसे में सुनवाई की तारीख बढ़ाते हुए कोर्ट ने 5 अगस्त तय कर दी है। ज्ञात हो दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने मानहानि का केस लगाया है। शर्मा के अनुसार 2014 में दिग्विजय सिंह ने वीडी शर्मा को व्यापमं मामले में बिचौलिया कहा था, जिस पर कोर्ट ने धारा 500 में प्रकरण दर्ज कर सुनवाई शुरू की है।

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