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बच्चों को प्रवेश दिलाने घर घर जा रहे शिक्षक "


बेगमगंज। इस वर्ष भीषण गर्मी के मद्देनजर सरकार द्वारा नवीन शिक्षा कक्षा 5 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए 20 जून एवं कक्षा पहली से पांचवी तक के नौनिहालों के लिए सत्र 1 जुलाई से शुरू किए जाने के निर्देश जारी किए गए थे।

प्राचार्य आरजी कुर्मी प्रवेशात्सव पर नवीन प्रवेश लेने छात्रा का स्वागत करते हुए।

20 जून से बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों के प्रवेश प्रारंभ हो गए लेकिन 1 जुलाई से बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए शिक्षकों ने घर-घर दस्तक देना शुरू कर दिया है ।  शिक्षक पहली बार प्रवेश लेने वाले बच्चों के सर्वे कर रहे हैं । जिससे कक्षा पहली में अधिक से अधिक बच्चों को प्रवेश दिलाया जा सके  ।

पिछले कुछ सालों में सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में कमी आई है क्योंकि अभिभावक अपने बच्चों के प्रवेश निजी स्कूलों में अधिक करा रहे हैं । ऐसे में शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शिक्षकों को घर-घर दस्तक देकर सर्वे किए जाने के साथ ही अभिभावकों को भी समझाइश देना है कि अब सरकारी स्कूलों में बेहतरीन पढ़ाई हो रही है तो अपने बच्चों को प्रवेश सरकारी स्कूलों में दिलाएं और आर्थिक शोषण से बचें ।

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आरजी कुर्मी का कहना है कि पहले की अपेक्षा अब सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर में बहुत ज्यादा सुधार हुआ है । निजी स्कूल संचालक अपनी-अपनी शालाओं  में प्रवेश कराने के लिए शिक्षकों को घर-घर भेजते हैं । इसलिए उन स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ जाती है । इसलिए मध्यप्रदेश शासन के शिक्षा विभाग द्वारा भी यह अभियान शुरू किया गया है। अब तक तहसील की सरकारी प्राथमिक शालाओं , माध्यमिक शालाओं , एवं हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल में अब तक करीब 3000 विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाया गया है।

शिक्षकों का कहना है कि वह घर-घर जाकर बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करके सरकारी स्कूलों की अच्छाई भी बता रहे हैं  । जिससे अभिभावक प्रवेश दिलाने के लिए तैयार हो रहे हैं । इसके अतिरिक्त प्रतिवर्ष सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बहुत अच्छा आने के कारण भी अभिभावकों का रुझान सरकारी स्कूलों की तरफ बड़ा है। निजी स्कूलों में प्रतिवर्ष प्रवेश शुल्क परीक्षा शुल्क एवं अन्य गतिविधियों के लिए बीच-बीच में वसूले जाने वाला शुल्क और महंगी - महंगी किताबें इत्यादि के कारण भी अभिभावकों को बहुत ज्यादा आर्थिक दिक्कत आने से और सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बहुत अच्छा होने के कारण भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाने की होड़ लगी हुई है ।


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