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अध्यापक एक तरह से ज्ञान का भंडार है: आरर्जी कुर्मी

बेगमगंज। एक शिक्षक खोज का केन्द्र अध्यापक होता है जो अपने विद्यार्थियों को शिक्षा के माध्यम से जीवन में व्यवहार में सच्चाई की शिक्षा देता है। छात्रों को जो भी कठिनाई होती है, जो भी जिज्ञासा होती है, जो भी वे जानना चाहते हैं, उन सब के लिए वे अध्यापक पर ही निर्भर रहते हैं। उनके लिए उनका अध्यापक एक तरह से ज्ञान का भंडार है, जिसके पास सभी प्रश्नों के उत्तर हैं। यदि शिक्षक के मार्गदर्शन में प्रत्येक व्यक्ति शिक्षा को उसके वास्तविक अर्थ में ग्रहण कर मानवीय गतिविधियों को प्रत्येक क्षेत्र में उसका प्रसार करता है तो मौजूदा  सदी में दुनिया काफी सुन्दर हो जाएगी। प्रगतिशील शिक्षण, छात्रों का बहुमुखी विकास, कक्षा अध्यापन की नवीन शैली, गुरु शिष्य के गौरवमयी रिश्ते, छात्रों का मानसिक, शारीरिक व धार्मिक विकास की बातें कोई भी छात्र अपने गुरु से ही सीखता है।

प्रशिक्षण के दौरान शपथ दिलाते हुए

एमएलबी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर में प्राचार्य आर जी कुर्मी ने उक्त बात कहते हुए उपस्थित शिक्षकों को आधुनिक तरीकों से शिक्षण कार्य कराने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से की गई तत्पश्चात शिक्षिकाओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की और देश में भाईचारा मोहब्बत और शिक्षा के कार्य को ईमानदारी से करने की शपथ दिलाई गई।

प्रशिक्षण में प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षण के नए-नए तरीकों के बारे में बताया गया चित्रकला निबंध, लेखन, भाषण, गायन खेलकूद आदि गतिविधियों के माध्यम से किस तरह से बच्चों को शिक्षित किया जा सकता है उसके बारे में प्रयोगात्मक रूप से प्रशिक्षित किया गया जिससे आधुनिक प्रौद्योगिकी की सहायता से शिक्षक विद्यार्थियों का ऐसा विकास कर सकें कि वे बिना किसी शिक्षक की सहायता लिए स्वयं सीखने में सक्षम हो सकें।


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