बेगमगंज। मलेरिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा प्रचार प्रसार के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है कि मलेरिया के मच्छर अपने घरों एवं आसपास न पनपने मलेरिया इंसान की जिंदगी के लिए घातक है।
नगरीय क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्र में भी मलेरिया से बचाव के लिए प्रचार प्रसार अभियान के साथ स्वास्थ्य परीक्षण भी चल रहा है।
बीएमओ डॉ. अनिल कुमार ने मलेरिया से बचाव के लिए घरों के गमलों , कूलर ,बेकार पड़े टायरों में मच्छर पनपने की बात बताते हुए कहा कि इन सभी में जमा पानी को फेंका जाए और बेकार पड़े कंटेनर में पानी जमाना हो रहने दे । जमे हुए पानी को बहा दें । जिससे मलेरिया के मच्छर पैदा ना हो सके।
नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के घरों में आजकल पानी को संचय करने की प्रवृत्ति से अक्सर सभी व्यक्तियों के घरों में पानी कंटेनर में 2 दिन से ज्यादा रखने लगे हैं । सीमेंट की टंकी , प्लास्टिक की टंकी पानी की होद , नांद , मटका , घरों में रखे हुए फूलदान , मनी प्लांट एवं कूलर में यदि पानी जमा रहता है ,तो इनमें मच्छर बड़ी संख्या में पनपते हैं ।
मलेरिया से बचने का एकमात्र उपाय है कि अपने घरों एवं आसपास पानी जमा ना होने दें और मच्छरदानी का उपयोग करें । गंदा एवं साफ पानी को खाली किया जाना चाहिए एवं नियमित सफाई की होना चाहिए । पानी जमा होने वाले बर्तनों सामग्री में पानी नहीं जमा होना चाहिए । शाम को घरों के आसपास धुंआकरने से मच्छर भाग जाते हैं ।
मलेरिया के लक्षण सर्दी ,कंपन के साथ तेज बुखार , उल्टी सर दर्द , पसीना आकर बुखार चढ़ना और उतरने के बाद थकान और कमजोरी होना , यह मलेरिया के लक्षण है। बुखार आने पर तुरंत रक्त की जांच नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या फिर एएनएम व आशा कार्यकर्ता से निशुल्क जांच करवाएं ।इसमें लापरवाही ना करें । मलेरिया जानलेवा सिद्ध हो सकता है इसलिए सावधान रहें।