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संगीत की स्वर लहरी से गूंज उठा सभागार

भोपाल।अवसर था विदुषी वीणा सहस्त्रबुद्धे स्मृति संगीत समारोह का जो की कला समूह भोपाल द्वारा आज से आरंभ हुआ। इस दो दिवसीय समारोह में आज पहले दिन नासिक से पधारे डॉ आशीष रानडे  और अहमदाबाद की गायिका  डॉ मोनिका शाह ने अपने गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया । गायन के आरंभ में डॉ आशीष रानडे ने शास्रीय संगीत का राजा राग कहा जाने वाला राग यमन कल्याण को चुना। बड़ी बंदिश एक ताल में निबद्ध थी जिसके बोल थे "मेरा मनवा" और छोटी बंदिश तीन ताल में निबद्ध थी जिसके बोल "श्याम ने बजाई बंसी" अपने गायन का समापन आपने एक भजन से किया। आपके साथ तबले पर संगत की डॉ. अशेष उपाध्याय ने और हारमोनियम पर पुणे के उपेंद्र सहस्त्रबुद्धे ने साथ दिया।  दूसरी कलाकार थी अहमदाबाद से आई डॉ. मोनिका शाह । आपने राग जयजयवंती प्रस्तुत किया।  एक ताल में निबद्ध बड़े ख्याल बंदिश के बोल थे "लरा  माई सजनी" और छोटे ख्याल  के बोल थे "बिनती का करिए सजनी" । उसके बाद उपशास्त्रीय गायन का आरंभ करते हुए आपने ठुमरी कजरी और दादरा प्रस्तुत किये जिन्हें श्रोताओं ने बहुत पसंद किया। राग मांझ खमाज में ठुमरी के बोल थे " जाग पड़ी मैं तो लिया के जगाये" , राग मिश्र पीलू में कजरी के बोल थे "घिर आयी है कारी बदरिया" और अंत में दादरा से आपने अपने गायन का समापन किया जिसके बोल थे "दीवाना कीजे श्याम" आपके साथ तबले पर रामेंद्र सिंह और हारमोनियम पर उपेंद्र सहस्त्रबुद्धे ने संगत की।मंच संचालन कविता रावत और कोशिका सक्सेना ने किया।  कला समूह के राजेश भट ने बताया कि ये आयोजन लगातार सातवें वर्ष किया जा रहा है। जिसमें अनेक ख्यातिप्राप्त कलाकारों को आमंत्रित किया जा चुका है।


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