बेगमगंज। पंडित कमलेशकृष्ण शास्त्री ने बताया कि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। लेकिन यात्रा से एक पहले भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों को दर्शन देते हैं।
हिन्दू धर्म में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं। बता दें कि इस वर्ष रथ यात्रा 20 जून, मंगलवार के दिन हर्षोल्लास के साथ निकाली जाएगी। लेकिन यात्रा से एक दिन पहले यानी आज भगवान जगन्नाथ का मंत्रोच्चारण के साथ नेत्रोत्सव होगा। आज के दिन भगवान जगन्नाथ, बलराम और देवी सुभद्रा अपने भक्तों को 14 दिनों के बाद दर्शन देंगे। इस अवसर पर भगवान की विशेष पूजा की जाएगी।
भगवान जगन्नाथ के दर्शन का है विशेष महत्व :-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन भगवान जगन्नाथ पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। माना जाता है कि इस विशेष अवसर पर भगवान जगन्नाथ के दर्शन से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही अगले दिन यानी रथ यात्रा के अवसर पर रथ यात्रा में शामिल करने से और श्रीहरि के दर्शन करने से अक्षय पुण्य के समान फल प्राप्त होते हैं। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा तीन विशेष रथों पर विराजमान होकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं और 10 दिनों तक यहीं विश्राम करते हैं।