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खेतों में काटी कॉलोनियों में बारिश का पानी भरा , आवागमन बाधित हुआ"

बेगमगंज। अधिक कमाने के चक्कर में कॉलोनाइजरों  द्वारा खेतों में कालोनियां तो काट दी लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है । एक दिन की बारिश में उपरोक्त कालोनियों में चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। इन कालोनियों में प्लाट लेकर आवास बनाने वाले यहां के बाशिंदों को अपने घरों से निकलने के लिए  24 घंटे से परेशान होना पड़ रहा है। 

पोखर बन गई कॉलोनी :- 

स्टेट बैंक कॉलोनी एवं चोपड़ा कॉलोनी में जलभराव का

कॉलोनियों में निवासरत लोगों के लिए यह सिरदर्द बन गई है । नगर में अविकसित अवैध कालोनियों की भरमार है । मात्र प्लाट काटकर बैच दिए गए लेकिन विकास के नाम पर सड़कों का जाल नहीं बिछाया  गया और ना ही स्ट्रीट लाइट लगाई गई। और ना ही पानी की निकासी की व्यवस्था की गई । जिसके कारण अव्यवस्थित ढंग से बनी इन कालोनियों के लोग जलभराव होने के कारण कीचड़ एवं पानी होने से निकल नहीं पा रहे हैं । उन्हें निकलने में परेशानी हो रही है ।

कल एकाएक तेज बारिश होने से उपरोक्त कॉलोनियों में 2  से लेकर 3 फुट तक पानी आज तक  भरा हुआ है। उपरोक्त कॉलोनियों में खाली पड़े प्लाटों पर पानी भरा होने से वह पोखर नजर आ रहे हैं। पक्की सड़क का निर्माण एवं सभी सुविधाएं दिए जाने का प्रस्ताव एवं वायदा प्लाट बेचते समय कॉलोनाइजर द्वारा किया गया था लेकिन उनके द्वारा आज दिनांक तक अपनी -अपनी कॉलोनी में बिजली सड़क पेयजल एवं पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की गई है और ना ही बच्चों के खेलने के लिए पार्क बनाए गए हैं ।

कृषि भूमि पर काटे गए प्लाट खरीदकर लोगों ने अपने - अपने मकान तो बना लिए लेकिन कॉलोनाइजर द्वारा किए गए वायादे के अनुसार कॉलोनी का विकास नहीं किया गया।

 आज स्थिति यह है कि बारिश होते ही उपरोक्त कालोनियों का संपर्क चारों तरफ से टूट जाता है । जिसके कारण यहां के निवासी अपने -अपने घरों में कैद होकर रह जाते हैं और जब पानी खुलता है तो उन्हें अपने घरों से निकलने में कीचड़ एवं पानी के अंदर से निकलना पड़ता है।

 नगर की प्रमुख कॉलोनियों में स्टेट बैंक कॉलोनी , दीनदयाल कॉलोनी , चोपड़ा कॉलोनी , अयोध्या नगर , पीसी कॉलोनी चकला ,  भागचंद जैन कॉलोनी , दिग्विजय कॉलोनी , लक्ष्मी नगर ,  गोल्डन सिटी , महावीर नगर , चित्रगुप्त कॉलोनी , बापू कॉलोनी , शिवशक्ति पुरम  कॉलोनी , ऊंट छाप कॉलोनी , बीएम कंपनी दुकान के पीछे कॉलोनी ,  चुरक्का - परासरी कॉलोनी  इत्यादि शामिल है ।

इनके अतिरिक्त नगर में अन्य छोटी-छोटी कॉलोनी अभी लोगों के लिए सिरदर्द बनी हुई है प्रशासनिक लापरवाही के चलते कालोनियों का विकास नहीं किया गया आज भी उपरोक्त कॉलोनियों में कच्ची सड़कों से आवागमन होता है पेयजल व्यवस्था एवं विद्युत व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है फिर पानी निकासी की बात करना तो बेमानी होगी।

यहां पर सभी कॉलोनियों की स्थिति यह है कि कृषि भूमि पर प्लाट काटकर विक्रय किए गए हैं ।

 प्रशासन एवं नगर पालिका परिषद के द्वारा अव्यवस्थित एवं अविकसित कालोनियों के मालिकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया । इसलिए उनके हौसले बुलंद है ,जो अपनी -अपनी कॉलोनी में निर्धारित सुविधाओं को लागू नहीं कर रहे और प्लाट खरीदने वाले लोग परेशान हो रहे।

 प्रतिवर्ष बारिश आते ही यहां के निवासियों को चार महीने तक बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है । तेज बारिश के समय कॉलोनीवासियों का संपर्क नगर के अन्य क्षेत्र से कट जाता है।बारिश होने के 48 घंटे के बाद भी उपरोक्त कालोनियों में स्थिति जस की तस बनी हुई है।


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