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भारत के रंग में रंगा "व्हाइट हाउस"...

कौशल किशोर चतुर्वेदी, नई दिल्ली।  इक्कीसवीं सदी में भारत के विश्व में महत्व की सबसे बड़ी तस्वीर 22 जून 2023 को अमेरिकी राष्ट्रपति के औपचारिक निवास "व्हाइट हाउस" से सामने आई है। यह श्वेत धवल शक्ति का केंद्र रंगीन हो गया था। सात हजार हिंदुस्तानी-अमेरिकी यहां मेहमान बतौर मौजूद थे। व्हाइट हाउस के लिए यह पहला अनुभव था, जब इतनी बड़ी संख्या में स्त्री-पुरुष की उपस्थिति की गवाही वह दे रहा था। इतनी गर्माहट इससे पहले हमेशा शीतल रहने वाले व्हाइट हाउस में पहले कभी नहीं महसूस की गई थी। हिंदुस्तानी गाने यहां गुनगुनाए जा रहे थे। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका के बीच सबसे घनिष्ठ संबंधों का गवाह व्हाइट हाउस बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 140 करोड़ भारतवासियों और अमेरिका में रह रहे चार मिलियन भारतीयों का शानदार सम्मान बताया। तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र, दो महान और शक्तिशाली राष्ट्रों का मिलन कहा। मोदी-बाइडेन की गर्मजोशी इन दो महान राष्ट्रों के बीच संबंधों के सबसे गाढ़े रंगों का प्रमाण बनी। व्हाइट हाउस पूरी तरह से भारत के रंग में रंग गया। जो और जिल बाइडेन संग व्हाइट हाउस में मौजूद मोदी पर पूरी दुनिया की नजर थी। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि भारत विश्वगुरू बनेगा और पूरी दुनिया का पथप्रदर्शन करेगा। यह भविष्यवाणी अब सच हो रही है। भारत की तरफ अब पूरी दुनिया की नजर है। सैकड़ों साल गुलामी की त्रासदी से गुजरा भारत आजादी के 75वें साल अमृतकाल में परम वैभव के शिखर को छू रहा है। 140 करोड़ आबादी का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को समृद्ध और शक्तिशाली भारत का दर्शन करा रहे हैं। अपने ही घर में विपक्ष की आलोचना का मुकाबला करते नजर आते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित दुनिया के सारे राष्ट्र और उनके मुखिया हैं। मोदी के नेतृत्व में देश की यह उपलब्धियां  उनके विजन पर मुहर लगा रही हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि "अमेरिका और भारत के बीच संबंध 21वीं सदी में सबसे निर्णायक रिश्तों में से एक है। पीएम मोदी का व्हाइट हाउस में वापस स्वागत है। मैं यहां राजकीय यात्रा पर आपकी मेजबानी करने वाला पहला व्यक्ति बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।" 

तो अब भारत और अमेरिका के बीच एक-दूसरे को सम्मानित करने की होड़ लगी है। एक-दूसरे को ताकतवर बनाने का संकल्प नजर आ रहा है। व्हाइट हाउस के साउथ लॉन की बालकनी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बिडेन ने लोगों का अभिवादन किया। इस अभिवादन के दायरे में पूरी दुनिया समाहित है अब। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता से पहले व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण संबंध हैं। इसी कड़ी में अब भारत को एक ताकतवर और घातक जेट इंजन मिलने वाला है। असल में अमेरिका की जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच एक अहम करार हुआ है। शायद इसका अनुभव रूस को भी हो रहा होगा और चीन तो मानो सीधा जल ही रहा होगा। पाकिस्तान तो खैर अब खाक होने की कगार पर है।

इस दौरे में दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर के रक्षा सौदे होने जा रहे हैं। तो प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को लेकर सबसे खास चर्चा ये हो रही है कि क्या भारत की अमेरिका के साथ बढ़ती घनिष्ठता,भारत के पुराने दोस्त रूस को चिंता में डाल सकती है? मोदी के समय की भारतीय विदेश नीति पर गौर करें तो अमेरिका से प्रगाढ़ता का मतलब यह कतई नहीं है कि रूस से दूरी बढ़ेगी। भारत, रूस का पुराना दोस्त रहा है। यूक्रेन में युद्ध के बाद पश्चिम ने रूस पर पाबंदियां लगाईं लेकिन भारत लगातार रूस से तेल ख़रीदता रहा। यूक्रेन युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र में जब-जब रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया तो भारत उसमें गैर हाजिर रहा। इसने अमेरिका और पश्चिमी देशों को कुछ हद तक नाराज भी किया। पर यही मोदी की खूबी है। दो विपरीत ध्रुवों संग एक समय में दोस्ती बनाए रखने में मोदी माहिर हैं। यही खूबी अब भारत को विश्वगुरु बनकर पूरी दुनिया का पथप्रदर्शन करने का अवसर प्रदान कर रही है। यह संकेत है कि इक्कीसवीं सदी भारत की है। व्हाइट हाउस ही नहीं, अब पूरी दुनिया भारत के रंग में रंगी है...।

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