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5 दिन की लगातार बारिश के बाद आज मिली राहत, किसानों ने बुआई की तैयारी शुरू की

बेगमगंज। पिछले 5 दिन से तहसील में लगातार कभी बहुत तेज तो कभी मध्यम बारिश ने हाहाकार मचा दिया था। लोग अपने - अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए थे। पश्चिम क्षेत्र के ग्रामीण अंचल के 14 गांव चारों तरफ पानी से गिरने के कारण टापू में तब्दील हो गए थे। यहां की करीब 15 हजार की आबादी अपने -अपने घरों में  रुकी पड़ी थी। ऐसे में अनेक बीमार लोग इलाज कराने के लिए और अन्य जरूरतमंद किसान सौदा सामान लेने के लिए बेगमगंज मुख्यालय पर लंबा सफर तय करके आने को मजबूर थे  ।

  धान की रोपाई के लिए तैयार की जा रहे हैं गड़े ( क्यारियां )

आज अचानक बारिश के बंद हो जाने के कारण धीरे-धीरे करके बीना नदी का पानी उतार पर आ गया । फिर भी बेरखेड़ी घाट का पुल जलमग्न रहा। जिसके कारण इस क्षेत्र के लोगों को 12 किलोमीटर चन्दोरिया  , मानपुर से होकर बेगमगंज पहुंचना पड़ रहा है ।

आज सुबह से बारिश का दौर थमने के कारण नगर में चहल-पहल बढ़ गई। आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए आने लगे। सबसे ज्यादा बिक्री त्रिपाल एवं पन्नी की हुई क्योंकि लोगों द्वारा अपने - अपने घरों पर टपकने वाले पानी की रोकथाम के लिए इसकी आवश्यकता पड़ रही है।  गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कुछ ज्यादा ही धंधा देखने को मिला ।

दुकानदारों का कहना है कि सबसे ज्यादा वाटरप्रूफ पन्नी की बिक्री हो रही है। इसके अतिरिक्त छाता , छतरी , रेनकोट  और जूतों की भी बिक्री देखने को मिली । किसानों द्वारा पानी खुलने की प्रत्याशा में सोयाबीन की बुवाई के चक्कर में सोयाबीन का बीज एवं अन्य कृषि संबंधी कीटनाशक खरीदें गए हैं। क्षेत्र में धान का रकबा सबसे ज्यादा होने के कारण किसानों ने धान रोपाई की तैयारी भी शुरू कर दी है ।

इसको लेकर खेतों में क्यारियां बनाई जा रही हैं।

तहसील में गत वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष सोयाबीन की बुवाई कम होने की बात करते हुए  कृषि अधिकारियों द्वारा बताया गया कि  पिछले कुछ सालों से सोयाबीन की फसल खराब हो रही थी और धान की फसल अच्छी हो रही थी। इसलिए किसानों का रुझान धान की फसल लेने की ओर ज्यादा बढ़ा है। उन्नत किस्म की धान की पैदावार लेने की  उनको सलाह दी गई है।

किसानों में सौरभ शर्मा , बबलू यादव , जाहर सिंह लोधी , अजहर पटेल, इस्माइल खान, गंधर्व सिंह ,ज्ञान सिंह लोधी ,मान सिंह लोधी , गजराज सिंह लोधी , मनोहर यादव  , सुनील शर्मा , गोविंद सिंह गौर, इंसाफ खान इत्यादि किसानों ने बताया कि मानसून की दस्तक के साथ वह लोग एवं  अन्य किसान  बोबनी की तैयारियों में जुट गए हैं ।पिछले कुछ सालों की अपेक्षा में इस साल धान का रकबा ज्यादा बढ़ने की संभावना है   सोयाबीन का बीज 10 से ₹12 हजार  प्रति कुंटल बेचा जा रहा है ।

वही धान का बीज भी पिछले वर्ष की अपेक्षा  महंगा कर दिया गया है। गत वर्ष  समय पर मानसून आने पर 15 जून से हम लोगों ने बुवाई शुरू कर दी थी । लेकिन इस वर्ष देर से मानसून आने के कारण और लगातार एक सप्ताह से बारिश होने के कारण अब तक बतर नहीं मिलने से बोवनी शुरू नहीं की गई है।

फिर भी बुवाई की तैयारी करके रख ली है। इसके लिए खुले बाजार से बिचौलिए व्यापारियों  से सोयाबीन का बीज 12 हजार रू प्रति कुंटल लिया है । वैसे ज्यादातर किसानों के पास स्वयं का बीज उपलब्ध है। फिर भी 60% किसान बीज खरीद रहे हैं। निजी दुकानों पर जो बीज है उसकी प्रमाणिकता पर सवाल उठ रहे हैं । बीज की मानक - अमानक की पहचान कैसे हो और किसान कैसे पता करेगा कि इतने महंगे दामों पर खरीदा गया बीज अच्छी किस्म का है .. ?

इनमें से कुछ किसानों का आरोप है कि पिछले वर्ष कई किसानों ने दुकानों से महंगे दामों पर सोयाबीन का बीज था लेकिन वह खराब हो गया था और फसल भी नहीं आई थी। वैसे इस वक्त दुकानों पर अप्रमाणित बीज मिल रहा है , जिसकी विक्रेताओं द्वारा गारंटी नहीं दी जा रही है । ज्यादातर बिचोलिए व्यापारी बाहर से बीज लेकर आ रहे हैं और ऊंचे दामों पर किसानों को बेच रहे ।


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