लखनऊ।उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी जुट गई है।पार्टी की ओर से मिशन 2024 का लक्ष्य तय कर लिया गया है।पार्टी प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़़ रही है।अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा में टिकट पाने के लिए होड़ मचनी शुरू हो गई है।कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक (पूरब से पश्चिम) कई भाजपा विधायक टिकट की दौड़ में शामिल हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कई मंत्री और विधायक लोकसभा के चुनावी मैदान में ताल ठोकना चाहते हैं।
लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए सांसद पर विधायक भारी पड़ रहे हैं। विधायकों की दावेदारी से सांसदों के टिकट पर खतरा मंडराने लगा है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कई विधायकों को लोकसभा चुनाव का टिकट मिलना तय है।सांसदों से विधायक आगे निकल गए हैं।कुशीनगर से पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह का नाम टिकट पाने की दौड़ में सबसे आगे है।
देवरिया सीट से भाजपा विधायक शलभमणि त्रिपाठी का नाम आगे चल रहा है।बस्ती से पूर्व विधायक सीपी शुक्ला ने टिकट की दावेदारी ठोंक दी है।बाराबंकी से प्रदेश महामंत्री प्रियंका रावत का नाम भी टिकट पाने की दौड़ में शामिल है।कानपुर से विधायक दिनेश शर्मा और स्पीकर सतीश महाना का नाम भी टिकट पाने की चर्चा में शामिल है।भाजपा अब जीतने वाले प्रत्याशियों पर फोकस कर रही है।
बता दें कि कार्यकर्ता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को घर-घर पहुंचा रहे हैं।एक महीने तक जन संपर्क अभियान चलाकर जनता का फीडबैक लिया जा रहा है। महा जनसंपर्क अभियान के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में अलग-अलग कार्यक्रम चल रहे हैं।लोकसभा स्तर के कार्यक्रम में जनसभा, प्रबुद्घ सम्मेलन, व्यापारी सम्मेलन, प्रेस कॉन्फ्रेंस, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर मीट रखा गया है। विधानसभा में कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन बैठक आयोजित की गई है।टिफिन बैठक में विधायक और सांसदों का रहना अनिवार्य है।