भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमें नशा मुक्त मध्यप्रदेश बनाना है। नशे के कारोबार में लगे व्यक्ति सबसे घातक और खतरनाक अपराधी हैं। इनके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाए। ऐसे व्यक्तियों की संपत्ति चिन्हित कर उन्हें जप्त किया जाये। नशे और उसके कारोबार पर नियंत्रण के लिए अद्यतन तकनीक का उपयोग करें। खुफिया तंत्र को सक्रिय और सुदृढ़ किया जाये तथा अन्य राज्यों में जारी बेस्ट प्रेक्टिसेज एवं नवाचारों को राज्य में लागू किया जाये। युवा वर्ग को जागरूक करने के लिए प्रदेश में व्यापक स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाये। स्कूल, कॉलेजों और झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में हुई नारकोटिक्स समन्वय तंत्र की राज्य स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना, नारकोटिक्स से संबंधित राष्ट्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि तथा स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और उद्योग विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवा वर्ग को नशे की लत से बचाने के लिए सघन अभियान चलाना जरूरी है। युवाओं को नशा न करने की शपथ दिलाई जाए, इसके लिए आगामी शैक्षणिक-सत्र आरंभ होने पर स्कूल, कॉलेजों में गतिविधियाँ संचालित की जाए। नशे की आदत छुड़ाने के लिए भी विशेष प्रयास करने होंगे। प्रदेश में आवश्यकता के अनुसार नशा-मुक्ति केन्द्र संचालित किए जाएँ। मादक पदार्थों से संबंधित गतिविधियों पर नियंत्रण, नशा-मुक्ति तथा नशे के विरूद्ध जन-जागरण के लिए निरंतर गतिविधियाँ संचालित करना आवश्यक है। नारकोटिक्स समन्वय तंत्र की जिला स्तरीय समितियों की प्रतिमाह बैठक हो और उनमें हुई कार्यवाही की जानकारी राज्य स्तरीय समिति के सामने रखी जाए। प्रदेश के जिन जिलों में एन.डी.पी.एस. न्यायालय गठित नहीं है, वहाँ तत्काल न्यायालयों का गठन किया जाए।