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धोनी ने रिस्क लिया, टीम पेनल्टी के बावजूद जीती

चेन्नई। इंडियन प्रीमियर लीग-16 की पहली फाइनलिस्ट टीम तय हो गई है। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स ने मंगलवार रात क्वालिफायर-1 में डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात टाइटंस को 15 रन से हराकर फाइनल में जगह बना ली।

इस मुकाबले में कई रोचक लम्हे देखने को मिले। इनमें दूसरे ओवर में मिले जीवनदान के बाद CSK के ओपनर ऋतुराज गायकवाड की लाजवाब पारी, पथिराना की बॉलिंग को लेकर अंपायर और धोनी की खींचतान और रवींद्र जडेजा का डेविड मिलर को बोल्ड करना शामिल हैं। शुरुआत पथिराना की बॉलिंग को लेकर हुई खींच-तान से करते हैं।

कप्तान महेंद्र सिंह मैच के दौरान अपनी यूनीक टैक्टिक्स और स्ट्रैटिजी के लिए भी जाने जाते हैं। इस मुकाबले में इन मामलों को लेकर उनकी जिद का एक उदाहरण हमें देखने को मिला। 173 रन का टारगेट चेज कर रही गुजरात की पारी के 15 ओवर समाप्त हो चुके थे। स्कोर डिफेंड कर रही CSK के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 16वां ओवर फेंकने के लिए मथीस पथिराना को बॉल थमा दी। जैसे पथिराना बॉलिंग करने के लिए तैयार हुए अंपायर ने उन्हें रोक दिया। बात करने पर पता था कि वे बॉलिंग करने से ठीक पहले मैदान पर नहीं थे और उन्होंने मैदान पर दोबारा बॉलिंग के लिए एलिजिबल होन लायक समय नहीं बिताया था।

नियम है कि फील्डिंग के दौरान कोई खिलाड़ी जितने समय तक मैदान से बाहर रहता है उसे ग्राउंड पर लौटने के बाद उतने ही समय तक बॉलिंग की इजाजत नहीं होती है। पथिराना 4 मिनट तक बाहर थे और धोनी इतने ही समय तक उनसे गेंदबाजी नहीं करा सकते थे। धोनी चाहते तो इस बीच किसी और गेंदबाज को बॉल थमा सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। चार मिनट तक खेल रुका रहा। निर्धारित समय बीतने के बाद ही खेल शुरू हुआ और पथिराना ने ही बॉलिंग की।

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