भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने श्री रामचन्द्र पथ-गमन वाले अंचलों के विकास के लिये "श्री रामचन्द्र पथगमन न्यास" के गठन की स्वीकृति दी है। न्यास में 33 सदस्य होंगे। इसमें 28 पदेन न्यासी और 5 अशासकीय न्यासी सदस्य होंगे। अशासकीय न्यासियों का अधिकतम कार्यकाल 3 वर्ष होगा। न्यास की गतिविधियों के संचालन के लिये समय-समय पर विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जा सकेगा। न्यास की संस्थागत व्यवस्था के लिए संस्कृति विभाग सक्षम होगा। न्यास के सुचारू संचालन के लिए परियोजना प्रबंधन इकाई गठित की जाएगी। इकाई में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कुल 7 पद होंगे। न्यास की गतिविधियों के संचालन के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित 32 नए पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है, जिस पर एक करोड़ 57 लाख रूपए से अधिक वार्षिक वित्तीय भार आयेगा।
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री श्री चौहान की घोषणा के अनुक्रम में संस्कृति विभाग के अंतर्गत संस्कृति संचालनालय द्वारा अर्थाभावग्रस्त विद्वानों, साहित्यकारों/कलाकारों और उनके आश्रितों की सहायता राशि में वृद्धि की स्वीकृति दी। प्रति परिवार कलाकार/साहित्यकार की मासिक सहायता राशि 1500 रूपये से बढ़ा कर 5 हजार रूपये की गयी है। साथ ही कलाकार/साहित्यकार की मृत्यु होने पर परिवार को 3500 रूपये की सहायता राशि देने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय सागर में 150 एम.बी.बी.एस. सीट की वृद्धि की स्वीकृति दी। वर्तमान में स्नातक पाठ्यक्रम के लिये स्वीकृत 100 एम.बी.बी.एस. सीट की प्रवेश क्षमता बढ़ा कर 250 एम.बी.बी.एस. सीट की गई है। इसके लिये 200 करोड़ 31 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में हर विकासखंड में कम से कम 2 कृषक उत्पादक संगठन (FPO) के गठन को प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से नवीन राज्य पोषित योजना "कृषक उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.) का गठन एवं संवर्धन" योजना के क्रियान्वयन का निर्णय लिया। योजना में ऐसे FPO को प्रोत्साहित किया जायेगा जो किसी अन्य संस्था के सहयोग से गठित नहीं हुआ है। इन FPO को हैंडहोल्डिंग प्रदान की जायेगी। इससे FPO के सदस्यों को गुणवत्ता युक्त आदान सामग्री, उन्नत कृषि यंत्र, पोस्ट हार्वेस्ट तकनीक के उपयोग में सहायता मिलेगी। साथ ही उन्हें बाजार से जोड़ा जा सकेगा। योजना का कियान्वयन सम्पूर्ण प्रदेश में संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास के माध्यम से किया जायेगा।