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जल जीवन मिशन से ग्रामीण महिलाओं की गरिमा एवं प्रतिष्ठा में हुई वृद्धि

भोपाल। प्रदेश में "जल जीवन मिशन" के लाखों हितग्राही में देवास ज़िले के ग्राम सुकल्या क्षिप्रा के रहवासी भी शामिल हो गये हैं। ग्राम में 1378 परिवार की 5128 जनंसख्या निवास करती है। पहले ग्राम में पानी की समस्या थी। ग्रामीणजन क्षिप्रा नदी से पेयजल लाने के लिये मजबूर थे। ग्रीष्म ऋतु में तो पेयजल व्यवस्था बड़ी चुनौती थी। अब ग्राम में 1 करोड़ 61 लाख की लागत से उच्च स्तरीय टंकी एवं 6400 मीटर पानी वितरण नेटवर्क का निर्माण किया गया है। स्वच्छ एवं शुद्ध जल के लिए कीटाणु शोधक यंत्र भी लगाया गया है। आज सभी 1378 घरों को नियमित, भरपूर एवं शु़द्ध पेयजल मिल रहा है।

संरपच श्री विश्वास उपाध्याय ने बताया कि पहले पेयजल की व्यवस्था पंचायत द्वारा नलकूप खनन कर की जाती थी, जिसके नियमित संचालन में परेशानियाँ थी। जल जीवन मिशन से ग्रामीणजन की मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति हुई है। सुचारू पेयजल व्यवस्था के लिये ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति गठित है, जो योजना की सतत निगरानी करती है। योजना का संचालन संजना स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है।

समिति की सदस्य एवं संजना स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती हंसा पटेल बताती हैं कि मिशन का सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को हुआ है। पहले पानी भरने में उनका बहुत समय जाया होता था और शारीरिक परिश्रम भी करना पड़ता था। आज महिलाएँ खेती के साथ अन्य आर्थिक गतिविधियाँ भी कर पा रही हैं। महिलाएँ नियमित अंतराल में जल की जाँच का प्रशिक्षण एवं जल परीक्षण करती हैं।

संजना स्व-सहायता समूह की सदस्यों द्वारा जल कर वसूली एवं हिसाब रखने का कार्य किया जा रहा है। इससे समूह के सदस्यों को आर्थिक फायदा भी मिल रहा है। समूह रख-रखाव एवं पानी के बचाव को लेकर ग्रामवासियों को जागरूक भी करता है। अब ग्राम में हर घर में 55 ली. प्रति व्यक्ति प्रतिदिन नल जल की उपलब्धता है।

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