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अचानक सागर जिले के गोपालगंज थाने पहुंचे डीजीपी

सीएम हेल्पलाइन शिकायतों की समीक्षा की 

पीटीएस सागर में नवनियुक्त नवआरक्षकों से किया संवाद, कहा – “देशभक्ति - जनसेवा के मूल मंत्र काे करें आत्मसात”

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर प्रदेशभर में कानून-व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और अपराधों पर नियंत्रण के लिए मप्र पुलिस निरंतर कार्य कर रही है। डीजीपी श्री सुधीर कुमार सक्सेना निरंतर कानून व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। पुलिस विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को अपराधों पर अंकुश लगाने और नागरिकों को न्याय दिलाने के निर्देश दे रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को डीजीपी श्री सक्सेना ने सागर जिले का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जिले में अपराधों की समीक्षा की और सीएम हेल्पलाइन के लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए। विशेष रूप से उन्होंने कहा कि महिला संबंधी अपराधों के प्रकरणों में प्रभावी कार्रवाई करें। 

डीजीपी श्री सक्सेना ने पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मकरोनिया, सागर पहुंचकर  नवनियुक्त नवआरक्षकाें से संवाद भी किया। 

थाने का किया औचक निरीक्षण  : 

मंगलवार को डीजीपी श्री सुधीर कुमार सक्सेना सागर जिले के गोपालगंज थाने का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। यहां लंबित शिकायतों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्धारित समय में सभी शिकायतों का निराकरण करें और जिससे फरियादियों को न्याय प्राप्त हो। इसी दौरान डीजीपी श्री सक्सेना थाने में महिला  हेल्प डेस्क पहुंच कर निरीक्षण किया। महिला संबंधी अपराधों और शिकायतों के निराकरण की जानकारी लेकर उनके त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने परिसर में स्वच्छता से संबंधित व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया, साथ ही रिकॉर्ड कीपिंग का भी जायजा लिया। थाने में  रिकॉर्ड कीपिंग और साफ सफाई में ढिलाई के चलते नाराजगी व्यक्त की एडिशनल एसपी और सीएसपी को चेतावनी देते हुए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। थाने में खड़े भारी संख्या में वाहनों को देखकर भी नाराजगी जताते हुए उनके त्वरित निराकरण हेतु निर्देश दिए। 

डीजीपी ने स्वयं थाने के कम्प्यूटर पर देखीं सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतें :

डीजीपी श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की विस्तृत समीक्षा की। सागर जिले के गोपालगंज थाने में उन्होंने स्वयं कम्प्यूटर पर  सीएम हेल्पलाइन से संबंधित शिकायतें देखीं।  उन्होंने एल-1, एल-2 और एल-3 की पेंडेंसी प्राप्त कर उनका त्वरित निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान उन्होंने  शिकायतकर्ता के परिजनों  से भी बात की और लंबित प्रकरणों  के निराकरण से संबंधित जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लें और उनका त्वरित संतुष्टिपूर्ण निराकरण करें। 

अपराधों की समीक्षा की :

डीजीपी श्री सक्सेना ने बलात्संग के प्रकरणों में चालान की स्थिति, लंबित अपराधों की स्थिति तथा वारंटों की तामीली की स्थिति की भी जानकारी ली। उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय के वारंटों की तामीली की स्थिति अलग से दर्शाए जाने के निर्देश दिए।  थाना क्षेत्र में गुंडा बदमाश रवि सतत निगरानी रखने एवं  उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने हेतु दिए सख्त निर्देश दिए। अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपराधों की समीक्षा खासकर महिला एवं बाल आश्रम अपराधों और लंबित अपराध एवं चालान के जल्द निराकरण करें।

जनता के प्रति संवेदनशील और अपराधियों के प्रति रहें कठाेर : डीजीपी श्री सक्सेना

डीजीपी श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने  जिले के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मकरोनिया में प्रशिक्षणार्थी आरक्षकाें से संवाद किया और मध्य प्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताया। यहां उपस्थित  280 नव आरक्षकों को संबोधित करते हुए डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि देशभक्ति एवं जनसेवा के मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए इसे सार्थक बनाएं। नवनियुक्त पुलिस आरक्षकों को डीजीपी ने माननीय मुख्यमंत्री की मंशा से अवगत कराया।उन्होंने यह भी बताया कि  मुख्यमंत्री स्वयं एवं राज्य शासन निरंतर पुलिस कल्याण एवं पुलिस की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि सभी का चयन एक पारदर्शी प्रतियोगिता के तहत हुआ है।  इसी तरह उन्हें अपने कार्य भी इस ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ संपादित करने हैं। प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण को बहुत ही गंभीरता पूर्वक पूरा करें और  ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन के साथ अपना कर्तव्य निभाएं। साथ ही ड्यूटी के दौरान स्मार्ट पुलिसिंग और नई तकनीक का  इस्तेमाल करें। डीजीपी ने पुलिसकर्मियों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से फिट रहने की बात पर भी जाेर दिया। उन्होंने कहा कि कर्तव्यपथ पर अडिग रहते हुए पीड़ितों और वंचितों को न्याय दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हो। विशेषकर महिलाओं, बालक-बालिकाओं और समाज के कमजोर वर्ग की सुरक्षा लिए संवेदनशीलता से कार्य करें। अपराधियों के प्रति सख्त रवैया रखें।

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