भोपाल। विजन जीरो का निर्धारित लक्ष्य कठिन जरूर है, लेकिन करना होगा। जीवन परमात्मा के हाथ में है, हम नागरिकों की जीवन-रक्षा के लिये हर संभव प्रयास करेंगे। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पहली 3 दिवसीय राष्ट्रीय विजन जीरो समिट का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समिट के मंथन से निश्चित ही अमृत निकलेगा, जो लोगों की जिंदगी को रोशन करेगा।
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सख्त कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। ट्रेफिक सेंस के अभाव में अच्छी सड़कों एवं अत्याधुनिक वाहनों के कारण दुर्घटनाओं का बढ़ना चिंताजनक है। दुर्घटनाओं और उसमें होने वाली जन-हानि को रोकने के लिये नशे में वाहनों का संचालन एवं ओवर स्पीडिंग पर रोक लगाना बहुत जरूरी है। हमें कठोर निर्णय लेना होंगे, जो सबके लिये नजीर बन सकें। कार्य कठिन है पर करना पड़ेगा, जिससे दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर को न्यूनतम किया जा सके।
पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने कहा कि समिट के लक्ष्य विजन जीरो को हासिल करने के लिये हम सभी को जिम्मेदार होना होगा। डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि मोबाइल आने के बाद सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 5 करोड़ लोगों की मृत्यु हुई है। दुर्घटनाओं के कारण देश की जीडीपी को लगभग 4 प्रतिशत का नुकसान होता है। सड़क सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे, तो निश्चित ही विजन जीरो के लक्ष्य तक पहुँच पायेंगे। लक्ष्य प्राप्ति के लिये सभी को मिल कर काम करना होगा। विजन जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये हमें अपना माइंड सेट चेंज करना होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी 3 दिवसीय कार्यशाला में सहभागिता कर रहे विशेषज्ञों से सीखें और अपने क्षेत्रों में जाकर उसका अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। निश्चित ही हम लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे।