भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोल समाज के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्रतीक त्योंथर की कोलगढ़ी का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके लिए तीन करोड़ 12 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस 9 जून से जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो जाएगा। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर कोल भवन बनाए जाएंगे, इसकी शुरुआत रीवा से होगी। कोल समाज की प्रगति और उत्थान के लिए सरकार और समाज मिल कर काम करेंगे। शिक्षा, रोजगार, स्व-रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष गतिविधियाँ चलाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास परिसर में कोल जनजाति सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप जला कर और भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री निवास पधारे कोल जनजाति के भाई-बहनों का मुख्यमंत्री ने पुष्प-वर्षा कर समाज के वरिष्ठ सदस्यों तथा जनजातीय कलाकारों का पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान को समाज की ओर से श्री मंगेश गोटिया ने स्वनिर्मित मुख्यमंत्री का चित्र भेंट किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान को साफा पहना कर और तीर-कमान भेंट कर कोल समाज की ओर से अभिवादन किया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोल समाज की महिमा अद्भुत है। यह वह समाज है जिसने भगवान को भी घर दिया। भगवान श्रीराम के वनवास के समय कोल समाज ने ही उन्हें फल-फूल और आश्रय देने का काम किया। साथ ही समाज बंधुओं ने ही भगवान श्रीराम के लिए पर्ण कुटी का निर्माण किया। कोल समाज राम-भक्त और देश-भक्त समाज है। अंग्रेजों को खदेड़ने में भी कोल समाज आगे रहा है। वर्ष 1831 में बुधु भगत और मदारा महतो के नेतृत्व में हुआ कोल विद्रोह कई जनजातियों के लिए अंग्रेजों के अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का प्रेरणा स्रोत बना। कोल समाज का अपना इतिहास है, इसके संरक्षण के लिए निरंतर कार्य जारी रहेगा। भले और भोले कोल समाज का सम्मान और प्रतिष्ठा पुनर्स्थापित होगी।