भोपाल। मध्यप्रदेश में जल, वायु एवं भूमि आधारित पर्यटन गतिविधियाँ शुरू करने की अपार संभावनाएँ हैं। प्रदेश में 22 विशाल जल संरचनाएँ हैं, जहाँ वाटर एडवेंचर एक्टिविटिज संचालित की जा सकती हैं। प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने यह बात पचमढ़ी स्थित एमपीटी ग्लेन व्यू होटल में साहसिक एवं जल-पर्यटन में संभावनाओं पर कार्यशाला में कही। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड, पचमढ़ी में प्रदेश में साहसिक एवं जल-पर्यटन को बढ़ावा देने एवं नवीन साहसिक गतिविधियाँ शुरू करने के उद्देश्य से 2 दिवसीय कार्यशाला कर रहा है। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में 5 जल संरचनाओं पर यह गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। उन्होंने पूरे प्रदेश से आए एडवेंचर टूर आपरेटर्स, एडवेंचरस एक्टिविटिज का संचालन करने वाली संस्थाओं के संचालकों एवं होटल मालिकों को प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं एवं नवाचारों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधाओं की दृष्टि से सभी व्यवस्था, बुकिंग्स एवं टूर ऑपरेटर्स की उपलब्धताओं को ऑनलाइन किया जाना समय की मांग है।
म.प्र. पर्यटन विकास निगम (एमपीएसटीडीसी) के प्रबंध संचालक श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन की दृष्टि से कॉम्बो पैक है। यह एक ऐसी थाली है, जिसमें सब कुछ है। अब तेजी से परिस्थितियाँ बदल रही हैं और मप्र एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित हो चुका है।
नर्मदापुरम जिले के कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि नर्मदापुरम जिला खासकर पचमढ़ी प्रदेश में एडवेंचरस एक्टिविटिज का गढ़ है। कार्यशाला में पहुँचे पेशेवरों के सुझावों की मदद से सुविधाओं एवं नई गतिविधियाँ शुरू की जाएंगी। जिले में पचमढ़ी, चूरना, तवा, मढ़ई इत्यादि प्रमुख पर्यटन स्थल मौजूद हैं। यहाँ प्रत्येक वर्ष होने वाली मैराथन, साइकिलिंग जैसी गतिविधियाँ देशभर में लोकप्रिय हैं। चूरना, तवा, सोहागपुर एवं पचमढ़ी के बीच साइकिलिंग गतिविधि को बढ़ावा दिया जाएगा।
भारत स्काउट एंड गाइड ज्वॉइंट डायरेक्टर श्री एबी छेत्री, एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ATOAI) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री तेजबीर सिंह आनंद, आईआईटीटीएम (एनआईडब्ल्यूएस) गोवा के प्रोफेसर (पर्यटन) एवं नोडल अधिकारी प्रो. सुतीशना बाबू एस. सहित देशभर के विभिन्न क्षेत्रों के टूर और ट्रेवल ऑपरेटर उपस्थित रहे।