Type Here to Get Search Results !

रात 4 बजे चली तेज आंधी ने ढाया कहर, कई मकानों की चादरें उड़ीं , विद्युत व्यवस्था ठप हुई"

बेगमगंज। मौसम का मिजाज देखते हुए लगता है कि इस बार नौतपा नहीं तपेगा। पहले दिन से ही मौसम में बदलाव शुरू हो गया तीखी धूप घने बादल छाने और ठंडी हवा चलने से मध्यम पड़ गई लोगों को गर्मी से राहत मिली जानकारों का मानना है कि यदि नौतपा में सूर्य की तपन नहीं बढ़ी तो मानसून में देरी और कम वर्षा की आशंका रहती है ।

नौतपा शुरू होते ही मौसम के मिजाज में अचानक बदलाव शुरू हो गया है। जहां तेज धूप और उमस से लोग परेशान हैं  ।वहीं रात करीब  4 बजे जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे ।तब अचानक तेज हवा आंधी की शक्ल में चलने लगी । जिससे कई मकानों की छप्पर की चादरें उड़ गई , तो घर के बाहर रखा सामान हवा में उड़ने लगा।

इसी बीच पूरे शहर की विद्युत व्यवस्था ठप हो गई जिससे लाइट गोल हो गई। लोग घबरा कर उठे और अपना सामान अंधेरे में मोबाइल की रोशनी में समेटने लगे।  कई लोगों की घर की छत पर सूखने के लिए डले कपड़े भी उड़ गए। शहर में कई स्थानों पर लगे हुए नेताओं के फ्लेक्स  ,बैनर फट गए तो वहीं दुकानों के नाम के बोर्ड हवा की रफ्तार  नहीं छेल पाए और यहां - वहां उड़ गए। दरख़्तों की टहनियां टूट कर गिर गई । कुल मिलाकर करीब 2 घंटे अफरा-तफरी का माहौल रहा।

दूसरी ओर कई किसानों की कटी हुई रखी मूंग की फसल हवा के कारण उड़कर  खेत में बिखर गई ।  जिसे सुबह से किसानों को समेटना पड़ा। तेज हवा आंधी के कारण किसानों की कटी रखी फसल के उड़ने से फलियां झड़ने से नुकसान भी सामने आया है।  आंधी इतनी तेज थी कि सड़क पर चल रहे वाहनों के पहिए थम गए । कई स्थानों पर लोडिंग वाहनों कै चालको को वाहन सड़क किनारे खड़ा करने पड़े।

यह तो अच्छा रहा कि बिजली कंपनी ने मौसम के मिजाज को देखते ही लाइट बंद कर दी थी । जिससे तार टकराने से कहीं भी तार टूटने की घटना सामने नहीं आई  ।करीब 2 घंटे के बाद हवा थमते ही बिजली सप्लाई पुनः चालू कर दी गई । इससे लोगों ने राहत की सांस ली।

तेज हवा आंधी से वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए लगाए गए पंडालों के उड़ने की जानकारी भी मिली है। कई टेंट वालों के टेंट की सीलिंग पर्दे फटने से नुकसान हुआ है।बार-बार बदल रहे मौसम से लोग परेशान हैं । इस तरह मौसम का मिजाज कभी पानी तो कभी तेज हवा , लोगों की समझ से परे बताई जा रही है।

वयोवृद्ध सेवानिवृत्त प्राचार्य विद्यानंद शर्मा  एवं सेवानिवृत्त पटवारी मंसाराम पंथी  ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में इस तरह के बार-बार बदलते मौसम के मिजाज को नहीं देखा । उनका मानना है कि यदि नौतपा में पानी गिर जाता  है तो फिर बारिश खिच जाती है। और मानसून देरी से आने के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.