भोपाल। 2 हजार रुपए के नोट बदलने के पहले दिन बैंकों में बनाए गए विशेष काउंटर पर इक्का-दुक्का लोग पहुचें, ज्यादातर बैंकों में काउंटर सूने पडे रहे। वहीं कई लोगों को बैरंग भी लौटना पड़ा, क्योंकि बैंकों ने बिना केवायसी के एक्सचेंज करने से मना कर दिया। नतीजे में बैंक वालों से बहसबाजी भी हुई।
2 हजार के नोट बदलने के पहले दिन राजधानी के बैंकों में अलग से काउंटर बनाए जाकर उनके बारे में सूचना पटल भी लगाए गए थे। हालांकि कुछ ही बैंकों में लोग नोट बदलने पहुंचे, ज्यादातर बैंकों मे काउंटर सूने ही पडेÞ रहे। इसकी बड़ी वजह नोट बदलने की समय सीमा 30 सितंबर तक घोषित होना है, लेकिन पेट्रोल पंपों पर अकेले भोपाल में ही रोजाना करीब 8 से 10 लाख रुपए आ रहे हैं।
बैंक एसओपी लागू करेंगे
रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ने रविवार को बैंकों को जारी निर्देश में स्पष्ट कर दिया है कि अगर बैंक की अपनी इंटरनल एसओपी है, तो उसके अनुसार ही काम करें। ऐसे में बैंकों में बिना केवायसी के नोट नहीं बदले जा रहे हैं। वहीं नोट बदलने के पहले दिन इक्का दुक्का लोग ही बैंकों तक पहुंचे।
तरसेम सिंह जीरा, एसएलबीसी
--------------------------------
बैंकों में अलग काउंटर बनाए
नोट बदलने वालों की सुविधा के लिए ब्रांचों में अलग काउंटर बनाने के साथ ही जानकारी भी लगाई गई है। पहले दिन बहुत कम लोग आए, वहीं जमा राशि के आंकडेÞ अभी नहीं मिल सके हैं। बैंक अपने स्तर पर नोट बदलने या जमा करने वालों की पहचान निर्धारित कर रहे हैं।
लोकेश चंद्रा, डीजीएम, स्टेट बैंक आफ इंडिया
------------------
रोजाना 40 हजार के नोट
पहले दिन तो 2 हजार रुपए के करीब 50 से 60 हजार राशि आई थी, लेकिन अब रोजाना 40 हजार रुपए के नोट आ रहे हैं। यह समस्या भी आ रही है कि 50 या 100 रुपए का पेट्रोल डलवाने के बाद 2 हजार का नोट देते हैं, जिससे चेंज की कमी होने के बाद पहले ही पूछा जा रहा है।
कर्नल आरके बावा, मेजर नानके पेंट्रोल पंप
- ---------------------
दो बैंक नहीं मांग रहे केवायसी
बैंक खातों में जितना चाहे उतना जमा करने, लेकिन एक्सचेंज में केवासी के साथ 20 हजार के बारे में बैंको ने बताया है। हालांकि आईसीआईसीआई और एचडीएफसी ने साफ कहा है कि उनको केवायसी नहीं चाहिए, बिना केवासी व्यापारी प्रतिदिन 20 हजार की सीमा में बदलवा सकते हैं।
तेजकुलपाल सिंह पाली, अध्यक्ष, भोपाल चेंबर्स आॅफ कामर्स