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केंद्र की जल आवर्धन योजना बनी अभिशाप,पिथौरा शहर के 200 घरों में अब पेयजल नही

पिथौरा (महासमुंद)। भीषण गर्मी के मौसम में स्थानीय नगर पंचायत के प्रभारी सी एम ओ द्वारा कोई 200 घरों के नल कनेक्शन काट दिए।अब इन घरों में पानी के लिए हायतौबा मची हुई है।इस सम्बंध में प्रभारी सी एम ओ पानी बन्द करने का फरमान शासन द्वारा दिया गया बता रहे है।

शासन की जल आवर्धन योजना नगर वासियों के लिए अभिशाप बन कर आई है।कोई चार करोड़ की लागत से उक्त योजना के तहत नगर में नई पाइप लाइन बिछाई गई है।पाइप लाइन का कार्य पूर्ण होने के बाद पुरानी पाइप लाइन के सभी कनेक्शन नई लाइन में शिफ्ट किये जाने थे।परन्तु प्रभारी सीएमओ द्वारा आम नागरिकों से पूरा टैक्स जमा करने के बाद ही नल कनेक्शन लगाने का फरमान जारी कर दिया है।इस फरमान से नगर के कोई 200 परिवार भीषण गर्मी में भी शुद्ध पेयजल से वंचित हो गए है।

उक्त मामले में इस प्रतिनिधि को नगर पँचायत के प्रभारी सी एमओ महेंद्र गुप्ता ने बताया कि नल कनेक्शन ऑनलाइन है।शासन के निर्देश पर नागरिकों के नल कनेक्शन काटे गए है।पूर्ण टैक्स जमा करने के बाद ही कनेक्शन देने का सरकारी आदेश है।

मानवाधिकार में सबसे ऊपर जल प्रदाय है फिर भी नगरपँचायत टैक्स के लिए किसी भी परिवार में जल प्रदाय कैसे रोक सकता है? इस प्रश्न पर उन्होंने हमारी प्रतिनिधि से कहा कि वे मानवाधिकार नही नगर पंचायत अधिनियम को मानते है।

राज्य एवम केंद्र की जल सम्बंधित योजनाएं असफल:

केंद्र एवम राज्य सरकारों द्वारा जल आवर्धन योजना, मिशन अमृत एवम हर घर नल योजना जैसे अनेक मूलभूत अवश्यक्ताओ वाली योजनाओं को पिथौरा नगर पंचायत ने पलीता लगा दिया गया है।नगर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार नगर पंचायत अब आम लोगो की मूलभूत अवश्यक्ताओ की पूर्ति करने की बजाय एक बड़े क्रूर व्यवसायी की तरह व्यवहार करने लगी है।

सार्वजनिक नल भी बन्द:

नगर में प्रतिदिन कोई 500 से अधिक परिवार नगर के 15 वार्डो में पूर्व से लगे करीब 100 सार्वजनिक नलो से पानी भर कर अपना निस्तार करते थे परन्तु विवादित प्रभारी सीएमओ ने सभी सार्वजनिक नल बन्द करवा कर आम नागरिकों को संकट में डाल दिया है।

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