बेगमगंज। तहसील के 12 उपार्जन केंद्रों पर किसानों का गेहूं खरीदने के बाद आधे से ज्यादा खुले मैदान में पड़ा हुआ है और आज शाम घिरते ही एकाएक आसमान में घने बादल छा गए और बारिश शुरू हो गई है । जिसके कारण कतिपय नेताओं के वेयरहाउसों के बाहर अव्यवस्थित ढंग से पड़ा गेंहू निश्चित ही भीगने की कगार पर पहुंच गया है ,क्योंकि खरीदा गया गेहूं 50% ही वेयरहाउस के अंदर रख पाया है जबकि 50% अभी भी बाहर खुले मैदान में रखा हुआ है।
खरीदी केंद्रों पर खुले में डाला गया हूं |
पानी के भीगने के डर से वेयरहाउस संचालकों एवं समिति प्रबंधकों द्वारा आनन-फानन में पॉलिथीन की व्यवस्था कर गेहूं को भीगने से बचाने के लिए ढाकना शुरू कर दिया गया है । ताकि गेहूं को भीगने से बचाया जा सके लेकिन संभावना व्यक्त की जा रही है कि फिर भी कुछ प्रतिशत गेहूं जरूर भीगेगा और खराब होगा ।
पिछले 4 दिन से बादलों की लुकाछिपी चल रही है फिर भी समिति प्रबंधकों द्वारा अपने-अपने खरीदी केंद्रों पर गेहूं को सुरक्षित स्थानों पर नहीं रखा गया ।मनमानी के चलते किसानों का सैकड़ों कुंटल गेहूं भीगने लगा है । ऐसे में जिम्मेदार अधिकारी भी कुछ भी जवाब देने से बच रहे हैं क्योंकि ऊपर से दबाव के चलते आनन-फानन में निर्माणाधीन वेयरहाउसों को खरीदी केंद्र तो बना दिया लेकिन पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण अब फजीहत हो रही है।
ऐसे में इसका उत्तरदाई कौन होगा ना तो समिति प्रबंधकों द्वारा जवाब दिया जा रहा है और ना ही वेयरहाउस संचालकों द्वारा। कुछ भी हो गेहूं बारिश से भीग कर खराब होने की स्थिति में पहुंच गया है ।